ईडी के निदेशक रहे राजेश्वर सिंह का वीआरएस स्वीकृत, यहां से हो सकते हैं भाजपा प्रत्याशी

 ईडी के निदेशक रहे राजेश्वर सिंह का वीआरएस स्वीकृत, यहां से हो सकते हैं भाजपा प्रत्याशी



न्यूज़। प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह का वीआरएस सोमवार को स्वीकार हो गया। अब वह राजनीति में अपनी किस्मत आजमाएंगे। जल्द ही वह भाजपा में शामिल होंगे और सुल्तानपुर सदर या लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हो सकते हैं। पत्नी आईजी, बहनोई एडीजी

राजेश्वर सिंह 1996 में पीपीएस अधिकारी चुने गए थे। सीओ के पद पर रहते उनकी छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की बनी। इसके बाद 2009 में वह ईडी में चले गए। उनके परिवार और रिश्तेदारों में कई अधिकारी हैं। पत्नी लक्ष्मी सिंह लखनऊ रेंज की आईजी हैं। बहनोई राजीव कृष्ण एडीजी आगरा जोन हैं। एक और बहनोई वाईपी सिंह आईपीएस रहे, उन्होंने भी वीआरएस लिया था। एक भाई और एक बहन आयकर में अधिकारी हैं।राजेश्वर सिंह का 11 वर्ष का सेवाकाल शेष था। उन्होंने इसकी सूचना खुद ही सोशल मीडिया पर दी। अपने संदेश में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है।

 कई अहम घोटाले की जांच की वर्ष 1997 बैच के पीपीएस अधिकारी रहे राजेश्वर सिंह ने सोशल मीडिया पर सेवाकाल का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि 24 वर्षों का कारवां एक पड़ाव पर आज रुका है। दस वर्ष यूपी पुलिस में नौकरी करने और 14 वर्ष ईडी में सेवा देने के बाद अब संन्यास ले रहा हूं। वह वर्ष 2007 में ईडी में प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। वहां उन्होंने कई अहम घोटाले की जांच की। इसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील, एयरटेल मैक्सिस घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि ईडी में तैनाती के दौरान घोटालेबाज नेताओं, नौकरशाहों, बाहुबलियों और माफिया से उनकी अवैध कमाई से अर्जित 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों को जब्त किया।

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