जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तृतीय के निर्देश पर जिला कारागार का किया गया निरीक्षण
फतेहपुर।जिला विधिक सेवा प्रधिकरण फतेहपुर सचिव पूर्ण कालिक श्रीमती अनुराधा शुक्ला ने बताया कि अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फतेहपुर अशोक कुमार सिंह- तृतीय के दिशा निर्देशन में जिला कारागार, फतेहपुर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में अनुभव द्विवेदी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्रीमती अनुराधा शुक्ला सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फतेहपुर जेल अधीक्षक मो० अकरम खान, जेलर संजय कुमार, डिप्टी जेलर अंजनी कुमार आदि उपस्थित रहे ।
जेल बैरक न0 03 में पुरुष बंदियों के मध्य बात-चीत की गयी एवं उनकी समस्याओं को सुना गया जिसमें से राधेश्याम बंदी, कल्लू उर्फ राम दुलारे बंदी, बुद्ध उर्फ राम दुलारे, कल्लू उर्फ राम भवन, बिरजू उर्फ ब्रजेश पासी ने अवगत कराश कि निर्णय की प्रति मिली नहीं है । इस सम्बन्ध में जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि बंदियों के निर्णय की प्रति हेतु उनके प्रार्थना पत्र अग्रसारित करते हुये कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रेषित करना सुनिश्चित करे। बंदियों से जेल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी लिया गया। सभी बंदियो के स्वास्थ्य से सम्बन्धी जानकारी की गयी साथ ही सभी बंदियों से प्रातः काल में मिलने वाले भोजन एवं अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी पूछी गयी, जिसमें सभी बंदियों ने खाना-पानी साफ-सुथरा एवं सही समय पर मिलना बताया है ।
बंदियों से उनके मनोरंजन हेतु उपलब्ध संसाधनों के बारे में पूछा गया । बंदियो द्वारा बताया गया कि उनकी कोई समस्या नहीं है । जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि बंदियों के मनोरंजन एवं व्यायाम पर ध्यान दे ।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती अनुराधा शुक्ला द्वारा अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 14.05.2022 में व्यापक स्तर पर बैंक से सम्बन्धित प्री-लिटिगेशन मामले, बीमा से सम्बन्धित मामले, राजस्व से सम्बन्धित मामले, विद्युत से सम्बन्धित मामले, जल कर से सम्बन्धित मामले, सर्विस में वेतन एवं भत्ते से सम्बन्धित, श्रम से सम्बन्धित, मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित, वैवाहिक/पारिवारिक मामले एवं अन्य छोटे मामलों का निस्तारण किया जाएगा । लोक अदालत में निस्तारण हेतु किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं है । लोक अदालत में निस्तारण होने पर निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं होती तथा मामला अन्तिम रूप से निस्तारित हो जाता है । कानूनी जटिलताओं से परे लोक अदालत की प्रक्रिया सहज और आपसी समझौते पर आधारित है । कोई भी व्यक्ति प्रार्थना पत्र के माध्यम से अपने मुकदमे राष्ट्रीय लोक अदालत में लगवाकर लाभ उठा सकते हैं ।