उप जिलाधिकरी पैलानी से गलौली खदान के जल्द से जल्द सीमांकन की मांग

 उप जिलाधिकरी पैलानी से गलौली खदान के जल्द से जल्द सीमांकन की मांग 



रिपोर्ट - श्रीकांत श्रीवास्तव


बांदा - आज पुष्पेन्द्र सिंह चुनालेे निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष आम आदमी पार्टी (किसान प्रकोष्ठ ) के द्वारा पैलानी में नवागंतुक उप जिलाधिकरी दिनेश कुमार सिंह   से गलौली खदान के जल्द से जल्द सीमांकन की मांग कि गई। जो कि पूर्ववत में आयुक्त महोदय से ,6 मई को किया था लेकिन अभी तक कोई जांच नहीं हुई   एसडीएम साहब ने तुरंत कमेटी बनाकर कार्यवाही का आश्वाशन दिया  इसी मुद्दे पर मैंने 6 मई को आयुक्त महोदय चित्रकूट धाम मंडल को मैंने शिकायती पत्र सौंपा था लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई ! आज पैलानी में उप जिलाधिकारी से जल्द से कारवाही की मांग किया पीड़ित ने एसडीएम से कहा कि अगर बरसात के पहले सीमांकन हो जाए तो सब सच्चाई सामने आ जाएगी कि कितनी बड़ी मात्रा में खनन की जमीन के अलावा अवैध खनन किया गया है एसडीएम  ने जल्द से जल्द कारवाही की बात कहा व तहसीलदार को जांच अधिकारी बनाने की बात कही !

दूसरा मुद्दा प्लाटून पुल पर ओवरलोड मोरम ट्रैक्टरों  को निकालने के संबंध में भी बताया व लिखित में दिया I यह भी बताया कि खदान संचालक व प्लाटून पुल के ट्ठेकेदर आपस में सगे सबंधी हैं और दोनों मिलकर ये अवैध काम करते हैं ! छेत्र की जनता पुल से अपनी जान जोखिम में डालकर निकलती है पुल से किसानों के भूसे वाली गाड़ियों को ओवरलोड बताकर परेशान किया जाता है वहीं बालू से लदे  ट्रैक्टरों को रात के अंधेरे में उस पार निकाला जाता है ! इतनी शिकायतों के बाद भी आज तक इन प्रकरणों में किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई ऐसा क्यों ऐसा कौन सा दबाव  बांदा जिला प्रशासन के ऊपर है कि इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता!?

उक्त प्लाटून पुल में 1 धान से लदा ट्रक  गिर गया था जिसमें ड्राइवर व क्लीनर की मौत हो गई थी इस मुद्दे पर पीड़ित के द्वारा जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा था जांच कमेटी बनी लेकिन कार्यवाही कुछ भी नहीं हुई न प्लांतुन पुल के ठेकेदार के खिलाफ न ही pwd। के अधिकारियों के खिलाफ आखिर क्या कारण है ? प्लाटून पुल की जांच भी उसी विभाग (लोक निर्माण विभाग) के अधिकारियों को सौंपी जिस विभाग के ठेकेदार व अधिकारियों की जांच होनी थी तो निष्पक्ष जांच कैसे संभव है ? एसडीएम महोदय ने इस पर भी नई कमेटी से जांच कराने की बात कही ! अगर जल्द से गलोली खदान में सीमांकन न कराया गया तो मुझे इन मुद्दों पर आत्मदाह करने पर मजबुर होना पड़ेगा जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी ।

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