ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग के पूजन की स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की मांग पर जिला जज की कोर्ट ने आदेश सुरक्षित किया
न्यूज़।वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के राग- भोग व पूजन-अर्चन को लेकर दाखिल अर्जेंट(अति आवश्यक) वाद की सुनवाई पूरी कर ली गई। अदालत ने सुनवाई के बाद आदेश के लिये पत्रावली सुरक्षित कर ली।
वाद में यूपी सरकार, पुलिस आयुक्त व अन्य को पक्षकार बनाते हुए ज्ञानवापी स्थित श्री आदि विश्वेश्वर को राग-भोग व पूजन-अर्चन की अनुमति मांगी गई है। यह वाद सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने दाखिल किया।वाद में कहा गया कि जो वाद में याचना की गई है वह अर्जेंट प्रकृति का है। इस वाद में श्री आदि विश्वेश्वर के राग-भोग व पूजन-अर्चन को प्रतिवादियों द्वारा रोक दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप भगवान राग भोग पूजन अर्चन नही हो पा रहा है। जिला अदालत में दीवानी की अदालत ग्रीष्मावकाश के कारण बंद है।
ऐसे में यह वाद जिला जज के समक्ष इस आशय से पेश किया जा रहा है कि मामले को अर्जेंट यानि अति आवश्यक प्रकृति का देखते हुए ग्रीष्मकालीन वैकेशन जज को सुनवाई के लिए आदेशित किया जाए। जिससे भगवान श्री आदि विश्वेश्वर का राग भोग पूजन अर्चन हो सके।
अदालत में वाद के पक्ष में दलील रखते हुए अरुण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि ज्ञानवापी में जो शिवलिंग मिलने की बात कही गई है वह आदि विश्वेश्वर देवता स्वरूप विराजमान हैं। देवता को सुप्रीमकोर्ट ने भी माइनर माना है। सुप्रीमकोर्ट का इस मामले में दिए गए आदेश का जिक्र करते हए कहा कि सिविल जज ने वजुस्थल के पास मिले शिवलिंग को सील करने का आदेश दिया है।