ग्राहक सेवा केंद्र संचालक ने खाताधारकों को लगाया करोड़ों रुपये का चूना, हुआ फरार

 ग्राहक सेवा केंद्र संचालक ने खाताधारकों को लगाया करोड़ों रुपये का चूना, हुआ फरार



सुल्तानपुर घोष-फतेहपुर। थाना क्षेत्र के प्रेमनगर कस्बे में संचालित इंडियन बैंक इन दिनों खूब सुर्खियों में है। आखिर सुर्खियों में क्यों न हो। क्योंकि इंडियन बैंक से संबद्ध ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक जो खूब खाताधारकों को साथ गुल खिला रहे है। इसी वजह से इंडियन बैंक आये दिन सुर्खियां बटोर रहा है। ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक आए दिन किसी न किसी खाताधारकों को अपनी हवस का शिकार बनाते रहते है। खाताधारकों के खाते से कब पैसा निकल जाए खाताधारक को छोड़ो भगवान तक को भी पता नहीं चल सकता है। ऐसा ही ठगी का एक और बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक ने खाताधारकों के खाते से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये निकालकर फरार हो गया।

जी हां थाना क्षेत्र के रसूलपुर भंडरा गांव के रहने वाले हरिशंकर, जयशंकर पुत्र शेरा सिंह मोहम्मदपुर गौंती ग्रामसभा में इंडियन बैंक से संबद्ध ग्राहक सेवा केंद्र खोल रखा था। बताया जा रहा है जिसमें लगभग एक हजार खाता धारकों के खाता खुले हुए थे इतना ही नहीं खाताधारक जमा निकासी भी किया करते थे। ग्राहक सेवा केंद्र संचालक ने धीरे धीरे भोली भाली महिलाओं सहित पुरुषों को अपने जाल में फ़साकर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खातों से निकाल लिया। वहीं जब खाताधारकों को पता चला कि संचालक ने हमारे खाते से पैसा निकाल लिया तो इसकी शिकायत किया। लेकिन खाताधारकों को समझा बुझाकर घर भेज देता था। यह सिलसिला लगभग एक सालों तक चलता रहा। लेकिन इसके बाद संचालक की हरकतों से खाताधारक परेशान हो गए। जब अपने पैसों को मांगना शुरू किया तो संचालक ग्राहक सेवा केंद्र को बंदकर के फरार हो गया। वहीं खाताधारकों ने जिले के आलाधिकारियों को लिखित शिकायती पत्र देते हुए बताया कि ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक हरिशंकर, जयशंकर पुत्र शेर सिंह ने बैंक मैनेजर से सांठगांठ करके लगभग एक हजार खाताधारकों के खाते से बिना अंगूठा लगाए बिना हस्ताक्षर किए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये निकाल लिया। पैसा मांगने पर आना कानी करता रहा। यहीं नहीं कुछ लोगों की पासबुक तक भी नहीं दिया। उसके बाद मौका देखकर अपना ग्राहक सेवा केंद्र को बंदकर फरार हो गया।


*खाताधारकों ने बैंक मैनेजर पर मिली भगत का लगाया आरोप*


वहीं सैकड़ों खाताधारकों का कहना है कि ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक अकेले हम सभी खाताधारकों के खाते से पैसा नहीं निकाल सकता है। जबतक की बैंक मैनेजर की सहमति न हो। इसमें बैंक मैनेजर की भी बड़ी भूमिका है। बिना हमारे अंगूठा लगाए बिना हस्ताक्षर किए भला कैसे हम लोगों के खाते से पैसा निकल सकता है। जब जब हम लोगों ने सीएससी संचालक की शिकायत बैंक मैनेजर से किया तो संचालक का बचाव करने के लिए हमें ही बैंक से डांट फटकार के भगा दिया जाता था। सीएससी संचालक ने अपने केंद्र से लगभग एक हजार खाताधारकों के खाते से डेढ़ करोड़ रुपये का चूना लगाकर फरार हो गया है।

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