असोथर कस्बे में हरे सागौन के सैकड़ों पेड़ों को धराशाई करके पर्यावरण का घोट दिया गला
असोथर (संवाददाता)। वन विभाग और पुलिस की मिली भगत से असोथर कस्बे में लगभग 170पेड़ सागौन के काट दिए गये है पचास पेड़ों कि कंडिशनर परमीशन (सूखे जमीन में गिरे पड़े पेड़ों) कि आड़ में हरे वृक्ष धराशाई कर दिये गये है बन माफिया रातो रात बड़ी तादाद में लकड़ी गायब कर दिये, काफी लकड़ी मौके पर पड़ी है ।
शिकायत का संज्ञान लेकर रेंजर रुप सिंह ने ठेकेदार रोहित के खिलाफ असोथर थाने में मुकदमा दर्ज करवा कर लकड़ी काटने की मशीन जप्त कर लिया है ।
जिम्मेदारों की सांठ गांठ से लकड़हारे पेड़ों की प्रजातियां मिटाने के साथ पर्यावरण का गला घोट रहे
है। फतेहपुर जनपद में लकड़ी माफिया हावी है हरे पेड़ों में पेट्रोल चालित मशीने चलाई जा रही है सरकार बन महोत्सव मना रही हैं और लाखों करोड़ों रुपये खर्च करके वृक्षारोपण प्रतिवर्ष करवाती हैं विभाग की मिली भगत के चलते वन माफियाओं द्वारा हरे वृक्षों पर इलेक्ट्रॉनिक मशीन चलाकर उन्हें धराशाई किया जा रहा है।
असोथर कस्बे से लुसुरूवा डेरा मार्ग के किनारे अवैध लकड़ी कटान जारी है वन विभाग ने बताया कि 50 सागौन के पेड़ काटने कि परमिशन है ठेकेदार ने सूखे जमीन में गिरे पड़े 50,पेड़ों कि परमिशन का दावा कर रहा है खेतों की मेड़ों में 170 पेड़ सागौन के खड़े थे ठेकेदार द्वारा सभी पेड़ काट दिये गए हैं इस क्षेत्र में वन माफियाओं का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है उन्हें ना तो स्थानीय थाना पुलिस का डर है और ना ही वन विभाग का आखिर वन माफियाओं को डर किस बात का रहेगा जब जिम्मेदार विभागों से पहले ही भेंट की जाती है। अब दिलचस्प होगा कि जिम्मेदार किस हद तक जाकर ठेकेदार पर कार्यवाही या मेहरबानी करते हैं।