भारत में पहली बार नशा मुक्ति रात्रि चौपाल... ज्योति बाबा
भारत में पहली बार नशा मुक्ति रात्रि चौपाल... ज्योति बाबा 

नशा मुक्ति रात्रि चौपाल से होंगे परिवार मजबूत... ज्योति बाबा 

कानपुर । नशा मुक्ति युवा भारत अभियान के तहत लोगों को कोटपा ला 2003 के बारे में जानकारी के साथ नशीली दावाओ मादक पदार्थों के प्रयोग से होने वाले नुकसान के बारे में बताने के साथ ही अवैध तस्करी के बारे में विस्तार से बताया गया, नशा करने से कैसे बच्चे क्यों ना करें किस तरह नशीली पदार्थ का दुरुपयोग न केवल समाज को खोखला बनाता है बल्कि नशीली दावाओ की तस्करी से अर्जित धन देश की सुरक्षा के खिलाफ प्रयोग में लाया जाता है आप सभी नशे के विरुद्ध इस युद्ध में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें अपने आसपास हो रहे अवैध नशे के व्यापार की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को जरूर दें, उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में हिंदू जागरण मंच के सहयोग से भारत में पहली बार नशा मुक्त रात्रि चौपाल के आयोजन अवसर पर एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख योग गुरू ज्योति बाबा ने कही,ज्योति बाबा ने आगे कहा कि नशा मुक्त रात्रि चौपाल के द्वारा लोगों को नशे से दूर कर सामाजिक व धार्मिक सद्भाव में लगाना है,क्योंकि अमूमन शाम 6:00 बजे के बाद पीने वालों को ज्यादा बेचैनी होती है इसीलिए यह चौपाल उस बेचैनी को सकारात्मक दिशा में मोड़ने में अहम भूमिका निभाती हैं और अंत में यह चौपाल प्रभु नाम कीर्तन के साथ रात्रि भोज से समाप्त होती हैं।
हिंदू जागरण मंच के पियूष रंजन मिश्रा ने कहा कि हमारे सनातन हिंदू भाई बहन नशे के तेज बहाव में बहे चले जा रहे हैं और उनको बचाने के लिए ही ज्योति बाबा के द्वारा शुरू की गई नशा मुक्ति रात्रि चौपाल एक नया स्वास्थ्य इंकलाब जरूर लाएगी,क्योंकि हम इसमें समय काल परिस्थिति के अनुरूप नए नए विचारों का समावेश करते रहेंगे।
 ज्योति बाबा ने इस मौके पर जोर देकर कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों,विशेष उपकरणों और उचित बुनियादी ढांचे की बेहद कमी है इसके अलावा भारत में नए-नए साइको एक्टिव पदार्थ का उपयोग बढ़ रहा है और यह दवाएं अक्सर मौजूदा ड्रग नियंत्रण कानून के अंतर्गत नहीं आती हैं इस कारण से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए उन्हें प्रभावी ढंग से विनियमित करना जटिल हो जाता है इसके अलावा डार्क नेट ईजिंग ड्रग ट्रैफिकिंग की भी समस्या सामने आ रही है नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुताबिक अवैध ड्रग्स में डार्क नेट और क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में नशीली दवाओ के दुरुपयोग एवं लत से खतरों के बारे में जागरूकता और शिक्षा की भारी कमी देखी जाती है ,साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय को भी मजबूत करने की दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे, और सबसे विशेष ऐसी ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्रणाली विकसित करनी होगी जहां नागरिक नशीली दवाओ के दुरुपयोग तथा तस्करी की गतिविधियों की वास्तविक समय में रिपोर्ट कर सकें।
 नशा मुक्त रात्रि चौपाल में बड़े उत्साह में लोगों ने भाग लिया।
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