अश्वस्थामा आश्रम कि दो दिवसीय रामलीला में अध्यात्म का समागम
अश्वस्थामा आश्रम कि दो दिवसीय रामलीला में अध्यात्म का समागम

फतेहपुर।दो दिवसीय रामलीला में सीता स्वयंवर जनक प्रलाप धनुष यज्ञ लक्ष्मण परशुराम संवाद का मार्मिक अभिनय किया गया लीला देखने के लिए जन शैलाब उमड़ पड़ा लक्ष्मण,परशुराम के आध्यात्मिक और मार्मिक संवाद मे रात भर श्रोता दर्शक गोता लगाते रहे।
नगर पंचायत असोथर के ऐतिहासिक अश्वस्थामा धाम में दशकों पुरानी परंपरा के अनुसार रामलीला का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ अयाह शाह विधायक विकास गुप्ता पूर्व ब्लाक प्रमुख सुधीर त्रिपाठी भिटौरा के ब्लाक प्रमुख अमित तिवारी भाजपा नेता संतोष तिवारी विनोद तिवारी समाज सेवी एवं भाजपा नेता रामकिंकर अवस्थी द्वारा राम लक्ष्मण कि आरती करके किया गया विदेहराज जनक द्वारा सीता स्वयंवर की घोषणा  के साथ सभी देशों के राजाओं को आमंत्रित किया गया रंगशाला में सभी राजाओ की मौजूदगी में किसी ने धनुष को तोड़ना तो दूर  हिला तक नहीं पाए तभी राजा जनक विलाप करने लगे कि अब धरती वीरों से विहीन हो गई है विदर्भराज का करुण विलाप सुनकर सभा मंडल में विराजे विश्वामित्र द्रवित होकर महाराज दशरथ के पुत्र श्रीराम कि ओर इशारा किया तो श्रीराम ने धनुष कि प्रत्यंचा जैसे चढ़ाया  अजगौ खंडित हो गया सीता जी ने श्रीराम को बर माला पहनायीं धनुष टूटने की टंकार सुन कर मंदराचल पर्वत से परशुराम सीधा जनकपुर  पहुंचते हैं और क्रोधित होकर विदेह से शिव जी के धनुष तोड़ने का कारण पूछते हुए कड़े शब्दों में कहते हैं कि रे सठ जनक धनुष केही तोरा जनक जी के विनम्रता शब्दों से परशुराम जी संतुष्ट नहीं होते हैं तभी रघुवंशी लक्ष्मण ने कटु वचन बोलते हैं और लक्ष्मण परशुराम के मध्य आध्यात्मिक संवाद सुरु हो जाता है जो नौ बजे दिन तक चलता रहा परशुराम का अभिनय शिवप्रकाश अवस्थी ने किया लक्ष्मण जी का अभिनय राहुल जी और श्रीराम का अभिनय आनंद जी ने किया जनक का रोल  अमित शुक्ला ने किया 
आयोजक मंडल में रामकिंकर अवस्थी राजेश कोटेदार राजेंद्र मिश्रा आशिष मिश्रा सहित बड़ी संख्या में दर्शक श्रोता मौजूद रहे विद्वान कलाकारों द्वारा रामलीला के मार्मिक मंचन से जनता आकर्षित रही।
टिप्पणियाँ