- बाबरी मस्जिद विध्वंस केस पर आए फैसले पर
पाकिस्तान को लगी मिर्ची, उगला जहर
(न्यूज़)।6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आज सभी मौजूदा 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं. इस केस में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत कई लोग अभियुक्त बनाए गए थे. इस फैसले को लेकर पड़ोसी देश पाकिस्तान की भी प्रतिक्रिया आई है.
सीबीआई की विशेष अदालत ने आज दिए अपने फैसले में कहा कि ढांचा गिराना पूर्वनियोजित नहीं था और मस्जिद का ढांचा गिराने वाले कुछ देशद्रोही तत्व थे. अदालत ने कहा कि आडवाणी समेत कई नेताओं ने तो भीड़ से मस्जिद को बचाने की कोशिश की थी.
पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ-साथ शियाओं का भी उत्पीड़न हो रहा है. हालांकि, पाकिस्तान अपनी घरेलू समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय कश्मीर और अयोध्या को लेकर बयानबाजी में व्यस्त है. पाकिस्तान ने कहा है कि अयोध्या में ऐतिहासिक मस्जिद गिराने के लिए जिम्मेदार लोगों को बरी करना शर्मनाक है और पाकिस्तान इसकी निंदा करता है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "जिस पूर्वनियोजित रथ यात्रा और बीजेपी, विहिप और संघ परिवार के नेताओं के द्वारा भीड़ को उकसाने की वजह से मस्जिद का ढांचा गिराया गया, जिस आपराधिक कृत्य का टीवी पर लाइव प्रसारण हुआ, उस पर फैसला आने में 3 दशक लग गए. ये दुनिया को साबित करता है कि हिंदुत्ववाद से प्रभावित भारतीय न्यायपालिका एक बार फिर न्याय देने में असफल रही।