चांदनी चौक के हनुमान मंदिर को तोड़ने के फैसले में हस्तक्षेप से हाईकोर्ट का इनकार
दिल्ली : हाईकोर्ट ने चांदनी चौक स्थित एक हनुमान मंदिर को तोड़ने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप के लिए दिल्ली सरकार की ओर से आवेदन आना चाहिए। यह याचिका मंदिर के श्रद्धालुओं के एक पंजीकृत संगठन की ओर से दायर की गई थी।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने उपराज्यपाल के नेतृत्व वाली ऐसे ही एक धार्मिक संगठन की याचिका को पिछले साल नवंबर में खारिज किया था। उस याचिका में भी एक धार्मिक स्थान को न तोड़ने के संबंध में निर्देश देने की मांग की गई थी।
पीठ ने गौर किया कि उस वक्त दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह हाईकोर्ट में एक वैध आवेदन दायर करेगी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया था। पीठ ने कहा कि अगर इस मामले में हाईकोर्ट का हस्तक्षेप वांछित है तो इसके लिए दिल्ली सरकार की ओर से अर्जी आनी चाहिए। वर्तमान आधार पर याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है। इस याचिका में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा 31 अक्तूबर के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत चांदनी चौक के कटरा दुलिया में स्थित हनुमान मंदिर को तोड़ने की बात कही। पीठ ने गौर किया कि इस फैसले के तहत एक नवंबर को मंदिर को तोड़ा जाना था, लेकिन अभी तक मंदिर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मनोकामना सिद्ध श्री हनुमान सेवा समिति की ओर से वकील ऋषभ अग्रवाल ने चुनौती दी थी।