महात्मा गांधी ने काले कानून के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में निकाला द ग्रेट मार्च; विदेश में उनकी सबसे बड़ी जीत
(न्यूज़)।मोहनदास करमचंद गांधी यदि दक्षिण अफ्रीका न जाते तो क्या वह महात्मा बन पाते? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब खुद गांधी जी भी शायद ही दे पाते। भारत आने से पहले उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और नस्लभेद का विरोध किया। वहां रहकर उन्होंने भारतीयों ही नहीं बल्कि अन्य वंचित तबके के लोगों को भी न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया। ऐसा ही एक संघर्ष था द ग्रेट मार्च, जो महात्मा गांधी के लिए विदेश में सबसे बड़ी जीत बनकर उभरा। मार्च 1913 में केप के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि जो शादियां ईसाई रीति-रिवाजों के मुताबिक नहीं हुई है, वह अवैध हैं। इसका मतलब यह हुआ कि ज्यादातर भारतीयों का विवाह अवैध हो गया। जब शादी ही अवैध तो उससे हुए बच्चे वैध कैसे रहते।सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर यह होता कि भारतीय बच्चे अपने पुरखों की विरासत से ही बेदखल हो जाते, तब नागरिकों में आक्रोश फैल गया। दूसरी ओर नटाल की सरकार ने भारतीयों के खिलाफ मुकदमे चलाने शुरू कर दिए जो 3 पाउंड का वार्षिक टैक्स नहीं चुका पाए थे।