हुसैनगंज क्षेत्र में इस समय खूब खेला जा रहा है जुंआ
क्षेत्रीय पुलिस इस समय पूरी तरह अन्जान बनी हुई है
पूरे प्रशासन को खुली चुनौती दे रहें है जुंआडी
फतेहपुर।हुसैनगंज क्षेत्र के आधारपुर गांव में इस समय एक व्यक्ति द्वारा जुए की फड़ चलाई जा रही है। जिससे जुआड़ियों के हौसले बुलंद हैं। और अधार पुर व असनी के मध्य जंगलों में खूब खेला जा रहा है जुंआ।
सूत्र बताते हैं कि फतेहपुर शहर से लेकर कई जिले के व कई आस-पास के गांव से लोग आधारपुर में खेलने आते हैं जुंआ।जुआरियों के आका अपने गुर्गों को 500रु व 1000 हजार रुपये देखर 1 किलोमीटर के दायरे के अंदर रखवाली करने के लिए बैठा रख्खे हैं।दूर-दराज से आने वाली गाड़ियों की व्यवस्था के लिए चार पहिया वाहन की सुविधा उपलब्ध है शत्रुघ्न साहू द्वारा चार पहिया वाहन से जुआरियों को अड्डे तक ले जाने के लिए 1500 से ₹2000 भाड़ा भी दिया जाता है।
जैसे ही आधारपुर गांव के अंदर बाहरी गाड़ी की एंट्री होती है वैसे ही जुआरियों के आका को उनके गुर्गे तुरंत खबर कर देते हैं जिस से खेलने वाले जुंआडी तुरंत सतर्क हो जाते हैं।
इतना ही नहीं हुसैनगंज थाना क्षेत्र के एक अन्य गांव नरौली में भी जुएं का खेल बहुत तेजी से फल-फूल रहा है। नरौली गांव में सरवन सिंह, राजू सिंह निवासी नरौली, सोनू पंडित निवासी तेंदुली गांव, गंगादीन निवासी लालगंज, आशीष चौरसिया निवासी रायबरेली मिलकर जुए की फड़ लगाते हैं। दूरदराज से जुआरी नरौली गांव के श्मशान घाट के पास जुआ खेलने के लिए आते हैं। ताश के इन माफियाओं ने इन जुआरियों की सुरक्षा के लिए एक 1 किलोमीटर के दायरे में अपने गुर्गे बिठा रखे हैं जो पुलिस प्रशासन के व किसी अनजान गाड़ी के आने की सूचना तुरंत ही इनको देते हैं। जिससे शक होने पर खेल को वही रोक दिया जाता है। तथा पूरी तरह से संतुष्ट होने पर दोबारा खेल को शुरू किया जाता है। नरौली गांव में भी चार पहिया वाहन से जुआरियों को ले जाने की व्यवस्था की जाती है जिसमें गंगादीन व आशीष चौरसिया अपनी स्वयं की गाड़ी से इन्हें फड तक ले जाते हैं। जिसका इन्हें भरपूर मुआवजा भी मिलता है। प्रतिदिन यह सिर्फ जुआरियों को लाने ले जाने में 1500 से ₹2000 लेते हैं प्रशासन की अनभिज्ञता से जुआरियो के हौसले इस कदर बुलंद है कि प्रतिदिन चलने वाले जुए में किसी को भी शासन व्यवस्था का कोई भी डर नहीं है। जबकि कप्तान सतपाल अंतिल जी के सख्त आदेश के बावजूद जुएं का खेल धड़ल्ले से खेला जा रहा है। जुआरियों के मन में प्रशासन का जरा भी भय नहीं है।