मुख्यमंत्री का फरमान विद्युत वितरण खंड प्रथम में हो रहा है बौना साबित
तत्कालीन जिलाधिकारी के कार्यकाल में आर.सी से छेड़छाड़ करने में घबराते थे अधिशासी अभियंता
भारी भरकम धनराशि का बहुत हल्की धनराशि में हो गया निस्तारण
शहद की जगह मधुमक्खी का पूरा छत्ता हजम कर गया विभाग
किसी बड़ी जांच एजेंसी से करा ली जाए जांच तो निकलेगा भ्रष्टाचार का विशाल जिन्न
फतेहपुर। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ सरकारी मशीनरी को अपने बयानों में पूरी ईमानदारी के साथ काम करने के लिए पाठ पढ़ाते चले आ रहे हैं। मुख्यमंत्री अपने बयानों से कड़ी चेतावनी देते हुए यह भी कहते हैं कि जिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार में लगाम नहीं लगी तो उस विभाग के अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। और यह सच है कि भ्रष्टाचार के आरोप में प्रदेश के मुख्यमंत्री की गाज कई प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर गिर चुकी है। मुख्यमंत्री के फरमान का असर भले ही अन्य जनपदों में पड़ता नजर आ रहा हो किंतु इस जनपद के विद्युत वितरण खंड प्रथम में अधिशासी अभियंता के फरमान के सामने उनका फरमान बौना साबित हो रहा है। विद्युत वितरण खंड प्रथम द्वारा एक कारखाने की भारी-भरकम बकाया धनराशि की आर.सी जारी की गई थी। जिसका निस्तारण बीती 4 फरवरी को नियम के विपरीत डेढ़ लाख रुपए से कम की धनराशि में कर दिया गया है।
जनपद के तत्कालीन जिला अधिकारी संजीव सिंह तीनों विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता को चेतावनी देते हुए कहा था कि विद्युत विभाग द्वारा जारी किए गए आर.सी में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ किसी भी दशा में माफ नहीं की जाएगी। तत्कालीन जिला अधिकारी के खौफ से पूर्व अधिशासी अभियंता ने मधुमक्खी रूपी भारी-भरकम आर.सी के छत्ते पर हाथ डालने का साहस नहीं बटोर सके थे किंतु 4 फरवरी को इस भारी-भरकम आर.सी रूपी मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालने की बात तो दूर रही पूरा छत्ता ही हजम कर लिया गया। बहर हाल कुछ भी हो यदि इस पूरे मामले की जांच किसी बड़ी जांच एजेंसी से करा दी जाए तो भ्रष्टाचार का विशाल जिन्न सामने आ जाएगा।