कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी से दबाव में छोटे उद्यमी,एसी,फ्रिज, कूलर हो सकते हैं महंगे

 कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी से दबाव में छोटे उद्यमी,एसी,फ्रिज, कूलर हो सकते हैं महंगे



औद्योगिक कच्चे माल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से छोटे उद्यमी दबाव में हैं।पॉलिमर्स, कॉपर, स्टील, पैके¨जग मैटेरियल के दाम में पिछले छह महीनों में भारी उछाल से छोटे उद्यमियों के उत्पादन पर असर पड़ रहा है। विभिन्न प्रकार के कच्चे माल के दाम बढ़ने से एसी, फ्रिज, कूलर जैसी उपभोक्ता वस्तुएं भी महंगी हो सकती हैं। प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण करने वाले छोटे उद्यमियों ने बताया कि वे कच्चे माल के रूप में विभिन्न प्रकार के पॉलिमर्स का इस्तेमाल करते हैं। इनकी कीमतों में पिछले आठ से 10 महीनों में 40 से 155 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।कच्चे माल की कीमतों में इस बढ़ोतरी के कारण उन्हें उत्पादन कम करना पड़ा है। उनके पास कच्चे माल की खरीदारी के लिए नकदी की भी कमी हो रही है। ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ने पॉलिमर्स के बढ़ते दाम पर रोक के लिए सरकार से गुहार लगाई है। पॉलिमर्स के दाम बढ़ने से प्लास्टिक पाइप, वाटरटैंक एवं प्लास्टिक बॉडी वाले कूलर महंगे हो जाएंगे। छोटे उद्यमियों का कहना है कि बे ज्यादा दिनों तक अपने मार्जिन पर दबाव नहीं झेल सकते हैं और धीरे-धीरे लागत में बढ़ोतरी का भार ग्राहकों पर डाला जाएगा।

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