लखनऊ में STF ने फर्जी शिक्षिका को पकड़ा...सेवा समाप्ति के आदेश, मगर FIR से डर रहा विभाग

 लखनऊ में STF ने फर्जी शिक्षिका को पकड़ा...सेवा समाप्ति के आदेश, मगर FIR से डर रहा विभाग



लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के बलबूते नौकरी करने का एक और नया मामला सामने आया है। एसटीएफ ने जांच की और मामले में शिक्षिका को दोषी पाया। रिपोर्ट बेसिक शिक्षा विभाग को सौंपी। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मामले में सेवा समाप्ति के साथ एफआइआर की संस्तुति की मगर एबीएसए स्तर पर मामले का दबा दिया गया।

दरअसल, बीते वर्ष बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हथियाने के मामले सामने आए थे। मामले की जांच के लिए एसटीएफ को लगाया गया। कुछ दोषी मिले, जिन पर सेवा समाप्त की कार्रवाई भी की गई। मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी शिक्षकों की जांच के आदेश दिए थे। बताया जा रहा है कि इसी क्रम में चल रही जांच में प्राथमिक विद्यालय सुबंशीपुर बीकेटी में तैनात शिक्षिका सीता पाठक की नियुक्ति संबंधी प्रपत्रों की भी जांच हुई। जिसमें सीता पाठक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने का मामला पाया गया। जांच में सीता पाठक की ओर से लगाए गए शैक्षिक (बीए व बीएड) के दस्तावेज फर्जी पाए गए।

23 जून 2021 को तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रहे पीएन सिंह द्वारा एसटीएफ की रिपार्ट के आधार पर सीता पाठक की सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए गए। आदेश में कहा गया है कि एसटीएफ के पत्र संख्या 2-2020, 18 मार्च 2021 एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के पत्र संख्या सीओई दिनांक 13.3.2021 द्वारा भेजी गई सत्यापन आख्या के अनुसार प्राथमिक विद्यालय सुबंशीपुर बीकेटी में तैनात सीता पाठक का बीए वर्ष (1993) अनुक्रमांक 12422 और बीएड (1996) अनुक्रमांक 545040 के अंकपत्र की सत्यता के संबंध में कोई सुसंगत एवं विधि मान्य साक्ष्य प्रस्तुत न करने के क्रम में सीता पाठक की बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति की तिथि से सेवाएं समाप्त की जाती हैं। इस बाबत जब सीता पाठक से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने यह कह कर फोन काट दिया कि विभाग ने हमारी सुने बिना कार्रवाई की है, मामला उच्च न्यायालय में है। मैं दस मिनट में बताती हूं।

दोषी शिक्षिका को बचा रहे एबीएसए : 

बीएसए रहे पीएन सिंह ने मामले में सेवा समाप्ति के साथ ही एफआइआर का भी आदेश जारी किया। जून माह में जारी आदेश के तहत उन्होंने एबीएसए को मामले में एफआइआर दर्ज कराने के लिए भी निर्देशित किया, मगर एबीएसए बीकेटी सतीश त्रिपाठी द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि आरोप है कि उन्होंने पूरे मामले का ठंडे बस्ते में डाल दिया।

एसटीएफ जांच में सीता पाठक के बीए और बीएड के प्रमाण पत्र फर्जी पाये गए। इस आधार पर सीता पाठक की सेवा समाप्त कर दी गई। उनसे उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें कई बार अवसर दिया गया मगर वह सामने नहीं आई।

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