बेटे ने करवाई पिता की हत्या एक लाख रूपये में दी सुपारी
लाला उर्फ जलकेश की हत्या में साढू ने अहम भूमिका निभाई
जलकेश उर्फ लाला के साले ने अपराधियों को अपनी बाइक से पहुंचाया और हत्या में किया सहयोग
हत्यारों को मिले केवल तीन हजार, बाकी उधार में हो गई हत्या
फतेहपुर।थरियाँव थाना क्षेत्र के डिमंगरपुर (डेलारा) पर मजरे रामपुर थरियांव निवासी जलकेश उर्फ लाला की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस के पसीने छूटते रहे जबकि मृतक के पुत्र इंदल ने दो लोगों के खिलाफ नामजद एफ. आई. आर .दर्ज कराई थी। एफ. आई .आर. दर्ज होते ही ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं उठना स्वाभाविक था। लाला अपने परिवार की अपनी चाची से प्रेम करता था और जिसे खागा कस्बे में किराए का कमरा ले कर रखता था। लाला के पास दो ट्रैक्टर थे।जिसे कारोबार के रूप में लाला उपयोग करते थे ।अभी हाल ही में धनतेरस के दौरान लाला एक नया ट्रैक्टर लाए थे ।जो अपने नाम किए हुए था ।आपसी विवादों में बीच-बीच अपने परिवार को धमकी दिया करते थे। यह जो ट्रैक्टर नया लाया हूं इसे नई नई वाली पत्नी के नाम कर दूंगा। जिस पर परिवार में लगभग दो माह से विवाद बना रहता था। लाला के दो बेटियां थी दोनों फर्रुखाबाद जिले में व्याही थी। जो पिता के चलते अपने पिता के पास रहकर ही गुजारा बसर करती थी। लाला की दूसरी पत्नी की कहानी लगभग पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई थी। जिसको लेकर गणमान्य व्यक्तियों के मध्य बैठकर कई बार समझौते हुए थे ।किंतु समझौते के दौरान कोई सही नतीजा नहीं निकला था। आपको बता दें कि लाला तीन भाइयों में सबसे बड़ा भाई था। एक भाई गांव में ही रहकर खेती बाड़ी का काम करता था। तो दूसरा भाई अपनी ससुराल आरापुर में रहकर गुजर बसर करता था। घटना वाली रात को लाल अपने दो ड्राइवरों के साथ नौबस्ता मंडा सराय से बकरे का मांस लाया हुआ था। जिसको बनाने और खाने- पीने के बाद बगल में बिस्तर लगा कर सो गया था। जबकि पकड़े गए अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद एक बात सामने आई कि लाला ज्यादा नशे में होने की कारण उसी स्थान पर सोने के लिए उस दिन तैयार नहीं था।पास में ही बने ट्यूबवेल की कोठारी पर माता और पिता दोनों रहते थे। लाला खाने पीने के बाद अपने माता पिता के पास सोने के लिए नशे की हालत में जा रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे उसकी मौत का उसे आभास हो रहा हो। किंतु बेटे और पत्नी ने उसे पकड़कर जबरजस्ती उसी चारपाई में लिटा दिया और ट्यूबवेल में नहीं जाने दिया।
एक माह पूर्व से चल रही थी लाला के हत्या की साजिश बेटे ने दिया था सुपारी।
पकड़े गए अभियुक्तों से एक बात सामने नजर आयी।हर रोज विवादों के में रहने वाले लाला उर्फ जलकेश अपने बेटे द्वारा ही हत्या की साजिश का शिकार हो गए। लगभग एक माह से लाला को मरवाने की साजिश चल रही थी ।जिस पर पत्नी और बेटे व लाला के साढू ने सुपारी देकर लाला की हत्या करवाने की पूरी साजिश तैयार कर दी ।और एक माह बाद अपने मिशन पर कामयाब रहे। हालांकि हत्या के दिनांक को लाला अपने दो साथियों के साथ मीट बनाते हुए दारू पीकर सो गए उधर पत्नी और बेटे हत्या की कहानी गढते रहे। दिन में ही लाला को मारने की पूरी साजिश तैयार हो चुकी थी। जिन्हें सुपारी दी वह पूरी तरह मुस्तैद थे। लाला का साला कामता पुत्र जयपाल निवासी - झीमी पुरईन कोतवाली खागा ने अपनी बाइक में बिठाकर दोनों शूटरों को घटनास्थल तक ले गए और लाला की हत्या करने में दोनों शूटर कामयाब रहे।
बेटे इंदल की कॉल डिटेल से खुले राज और हत्या के राज तक पहुंची पुलिस।
हत्या की दिनांक को जैसे ही रात्रि के 1:00 बजे लाला के पुत्र इंदल ने पुलिस को जरिए फोन सूचना दिया कि मेरे पिता की हत्या कर दी गई है वैसे ही रात्रिगस्त पर चल रहे अभिषेक यादव घटनास्थल पर 5 मिनट में ही पहुंच जाते हैं और संबंधित अधिकारियों को सूचना देते हैं। उधर रात में ही लाला के पुत्र इन्दल ने दो लोगों के नामजद f.i.r. करते हैं और पुलिस को गुमराह करते हुए पूरे मामले को दबाने के लिए तरह-तरह के आरोप मढ़ते नजर आए। जैसे ही पुलिस रात में पहुंचती है पुलिस को शंका हो जाती है। और उस क्षेत्र के सभी मोबाइलों को सर्विलांस पर लगा देती हैं। यहां तक की वादी इंदल के मोबाइल को भी सर्विलांस में लगाकर जानकारी चाहती है तो काफी जद्दोजहद के बाद इंदल के मोबाइल पर एक व्यक्ति को 11:45 बजे फोन करके उस नंबर को डिलीट कर दिया जाता है। पुलिस का दिमाग और सूचना एकत्र करना उसी काल डिटेल तक सीमित हो जाता है। और पुलिस उसी काल डिटेल को खंगालते हुए सही अपराधियों तक पहुंचने में कामयाब होती है।
पति की हत्या कराने में पत्नी का अहम रोल
पुलिस की पूछताछ के बाद एक बहुत ही घिनौनी हरकत सामने नजर आई। जिसने सभी का ह्दय झकझोर दिया।पकड़े गए अपराधी ने बताया कि एक लाख रूपये सुपारी देने के उपरांत मृतक की पत्नी व बेटे व मृतक का साढू मान सिंह पुत्र सुखराज निवासी आलमपुर गेरिया और मृतक का साला कामता पुत्र जयपाल निवासी झीमी पुरईन कोतवाली खागा के मध्य एक माह पूर्व एक स्थान पर बैठकर ₹ एक लाख में लाला के हत्या की सुपारी दी गई थी। जिसकी बराबर रैकी चल रही थी और घटना को अंजाम देने में पत्नी मदद कर रही थी। लगभग एक सप्ताह से लाला को मारने की पूरी तैयारी चल रही थी। जिस पर पत्नी बराबर फोन से लोकेशन दे रही थी। हत्या के दिनांक को लाला ज्यादा नशे में होने के कारण अपने माता -पिता के पास ट्यूबवेल में सोने जा रहा था। उधर तो हत्या की साजिश तैयार थी जैसे ही लाला अपने माता पिता के पास जाने लगा पत्नी और बेटे ने पकड़ कर लाला को चारपाई में लिटा दिया और चुपचाप सो जाने के लिए कहा। उधर बेटे ने प्लानिंग के तहत दोनों शूटरों को फोन किया और लाला के साले कामता पुत्र जयपाल के साथ मोटरसाइकिल में सवार होकर आलमपुर के पास नहर पुलिया पर लगभग 3 घंटे तक इंतजार करते रहे। उधर पत्नी अपने पति को मरवाने के लिए रोड पर निकल रहे राहगीर पर निगाह रख रही थी। प्रत्येक आने जाने वाले व्यक्ति पर शाम से ही पत्नी की रैकी की चल रही थी। हर एक व्यक्ति जो उस रास्ते से गुजर रहा था उस पर उसकी नजर बनी हुई थी। हालांकि दिन में दोनों अपराधी लाला के सोने वाले स्थान पर भी गए थे और उन्हें पता था कि हमें इस रास्ते से जाना है और इस रास्ते से हत्या कर वापस आना है। जिसकी रैकी लाला की स्वयं पत्नी ने किया था।
लाला की हत्या में सुपारी लेने वाले अबरार पुत्र बारिश निवासी देवदासीपुर, थाना -खखरेरू व रामजीत उर्फ बच्चा पुत्र रामराज निवासी हासिमपुर भेदपुर थाना थरियांव ने प्लानिंग के तहत लाला को गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या में प्रयुक्त होने वाला 312 बोर का तमंचा लाला के साढू मान सिंह पुत्र सुखराज निवासी आलमपुर गेरिया ,थाना- खखरेरू ने एक 312 बोर का तमंचा व पांच जिंदा कारतूस शूटरों को मुहैया कराया था। हालांकि अबरार पुत्र बारीक पुलिस की पकड़ में हैं और रामजीत उर्फ बच्चा अभी फरार चल रहे हैं। थरियाँव पुलिस ने मान सिंह पुत्र सुखराज व कामता पुत्र जयपाल को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी निशानदेही पर तमंचा व अन्य सामग्री बरामद करने की कार्यवाही चल रही है।
कौन है अबरार जो दिया घटना को अंजाम।
लगभग एक वर्ष पूर्व चकीवा चौराहे में सराफा व्यवसाई रामजीत मौर्य की गोली मारकर हत्या करने में चार अभियुक्तों को पुलिस ने नामजद मुलजिम बनाया था। जिसमें अबरार भी मुलजिम था और जमानत में अभी हाल ही में जेल से छूटा था। जेल से छूटते ही हिस्ट्रीशीटर मान सिंह पुत्र सुखराज निवासी आलमपुर गेरिया के संपर्क में आ गया और लाला के हत्या की सुपारी लिया और लाला को मौत के घाट उतार दिया।
रामजीत उर्फ बच्चा ने लाला को मारी दो गोलियां।
पकड़े गए अभियुक्त अबरार निवासी देवदासीपुर से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि हत्या के वक्त मात्र दो ही व्यक्ति थे और इंदल की निशानदेही पर रामजीत से इंदल की बात होती थी। ईदल के फोन के उपरांत हम दोनों लाला को मारने के लिए घर पहुंचे थे।उसने बताया कि मैं साथ में था और रामजीत ने 312 बोर के तमंचे से 2 गोलियां मारी और घर के सभी लोग जाग रहे थे। घटना को अंजाम देने के बाद हम सब लोग जैसे ही बाहर निकल गए ।लगभग आधे घंटे के बाद इंदल ने पुलिस को फोन कर सूचना दिया कि मेरे पिता की हत्या हो गई है। जब तक हम लोग अपने ठिकाने नहीं पहुंचे तब तक इंदल हमारे संपर्क में बना रहा ।हमारे फोन करने के बाद ही इंदल ने पुलिस को फोन किया।
यदि इंदल नहीं डिलीट करते नंबर तो नहीं खुलता राज
हत्या करने के उपरांत ईदल ने हत्यारे का मोबाइल से नंबर डिलीट कर दिया था और जैसे ही पुलिस ने इंदल की कॉल डिटेल खगाली तो देखा कि एक नंबर फोन में नहीं है आखिर क्या मामला है वहीं से पुलिस को शक दौड़ गया और उसी नंबर पर पुलिस ने काम करना प्रारंभ कर दिया। हालांकि पुलिस की सोच अच्छी थी। इंस्पेक्टर सतेन्द्र सिंह भदौरिया ने अपनी पूरी टीम के साथ एक नंबर को लेकर पूरे खुलासे तक पहुंच गई और पूरी घटनाक्रम को दूध का दूध पानी का पानी कर दिया। एक तरफ लोगों में जहां निर्दोष को जेल भेजने में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही थी वहीं दूसरी तरफ सही आरोपियों को जेल भेजने में पुलिस की वाह वाही की बखान करते नहीं थकते।