"वफ़ा"
उनके दर्द की तस्वीर,
तेरा चित्रांकन करती है l
कंटीली राह भी उनकी,
तुम्हारे तक पहुंचती है l
तुम्हारे तीर जैसे शब्द,
ह्रदय को बेध जाते हैं l
उनकी रूह को आहत,
तेरे व्यवहार करते हैं l
बड़ी जिंदादिली से ही ,
वो जीवन को ही जीते हैं l
मगर हर तीर तरकश के,
निशाना वो ही रहते हैं l
सुना है कि वफ़ा में भी,
कई फरियाद होते हैं l
मग़र उनकी वफ़ाओं में,
तुम्हारी चोट रहती है l
रश्मि पाण्डेय
बिंदकी, फतेहपुर