"होली के रंग"
तुम रंगों के बौछार पिया,
मैं रंगों की हूँ पिचकारी l
तुमसे जन्मों का नाता है,
आँगन की तेरे हूँ फुलवारी l
मन डोर तुम्हारे संग है बंधी,
ह्रदय की तुम्हारी अधिष्ठात्री l
रिश्ता सांसारिकता का नहीं,
रिश्ता है ये अनमोल पिया l
तुम रंगों के बौछार पिया,
मैं रंगों की हूँ पिचकारी l
तुमसे जन्मों का नात्ता है,
आंगन की तेरे हूँ फुलवारी l
मन मंदिर के हो प्रतिध्वनि तुम,
मैं मंदिर की घंटिका पिया l
भक्ति रस में मैं सराबोर,
तुम भी सम हो प्रहलाद पिया l
तुम रंगों के बौछार पिया,
मैं रंगों की हूँ पिचकारी l
तुमसे जन्मों का नाता है,
आँगन की तेरे हूँ फुलवारी l
यह आवागमन निरंतर है,
तुम मुक्ति प्रदाता मेरे पिया l
मैं चली हूँ बनकर के टोली,
तुम होली के हो फ़ाग पिया l
तुम रंगों के बौछार पिया,
मैं रंगों की हूँ पिचकारी l
तुमसे जन्मों का नाता है,
आँगन की तेरे हूँ फुलवारी l
रश्मि पाण्डेय
बिंदकी ,फ़तेहपुर