मुख्यमंत्री के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहा है मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

 मुख्यमंत्री के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहा है मुख्य चिकित्सा अधीक्षक



यदि बारीकी से करा ली जाए जांच तो मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर आ जाएगी आंच


मरीजों को नहीं मिल रहा है जिला अस्पताल में निशुल्क चिकित्सा का लाभ


समूचे जिला अस्पताल में भरपूर व्याप्त भ्रष्टाचार


फतेहपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा था कि यदि प्रदेश के किसी भी जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार की तूती बोलती नजर आई तो उस जिला अस्पताल के डॉ व संबंधित अधिकारी को पद मुक्त कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देशों का समूचे प्रदेश में भले ही पालन होता नजर आ रहा हो किंतु इस जनपद के जिला अस्पताल में उनके निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मालूम रहे कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के रहमों करम पर समूचे जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार की तूती बोल रही है। जिला अस्पताल में निशुल्क चिकित्सीय लाभ देने के नाम पर मरीजों को लूटने का काम किया जाता है। गौरतलब बात तो यह है कि पैथोलॉजी लैब में निशुल्क खून की जांच करवाने के लिए मरीजों को रिश्वत के नाम पर पैसा देकर अपनी जेब खाली करनी पड़ती है। यदि मरीजों ने पैसे देने से इंकार कर दिया तो उनकी खून की जांच नहीं की जाती है। जिला अस्पताल में आए मरीजों और उनके तीमारदारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला अस्पताल निशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ देने का महज एक दिखावा है असल में तो जिला अस्पताल में किसी भी तरह का चिकित्सीय लाभ पाने के लिए हमें रिश्वत के नाम पर पैसे देने पड़ते हैं वहीं रमेश चंद्र पुत्र शीतल प्रसाद निवासी असोथर ने बताया कि डॉक्टर ने मुझे खून की जांच लिखी थी और जब मैं जिला अस्पताल के पैथोलॉजी लैब में गया तो 3 घंटे लाइन पर लगने के बाद भी मेरी जांच नहीं की गई और लगभग 12 बजे एक दलाल के माध्यम से पैसे देकर जिला अस्पताल के पैथोलॉजी लैब में मैंने अपनी खून की जांच कराई है और जिला अस्पताल के पैथोलॉजी लैब में कार्यरत अनूप दुबे ने प्राइवेट पैथोलॉजी लैब के कुछ दलाल पाल रखे हैं जो पैसे लेकर बाहर से जांच कराने को भी कहते हैं और मरीजों से मनमानी पैसे वसूलने का काम करते हैं और मरीजों को मजबूर होकर दलालों के माध्यम से बाहर से खून की जांच करानी पड़ती है। यहां पर एक ही कहावत चरितार्थ हो रही है कि मरता क्या न करता। जिला अस्पताल में जनपद के कोने- कोने से आए गरीब और असहाय मरीज योगी सरकार की दी गई निशुल्क चिकित्सीय सुविधाओं का लाभ पाने की कोशिश में जिला अस्पताल में भटकता रहता है और कभी कभी तो मरीज डॉक्टर व कर्मचारियों के पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाने भी लगता है किंतु फिर भी मरीज को निशुल्क चिकित्सा सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है और  मिले भी तो कैसे समूचे जिला अस्पताल में निशुल्क इलाज के नाम पर जब रिश्वत का खेल खेला जा रहा हो तो गरीब और असहाय मरीज डॉक्टर व कर्मचारियों के पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाने पर मजबूर तो होगा ही। हैरत की बात तो यह है कि समूचे जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार व्याप्त होने के बावजूद आखिरकार कैसे प्रशासन की नजर इस पर नहीं पड़ रही है। यदि समूचे जिला अस्पताल की बारीकी से करा ली जाए जांच तो मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर आ जाएगी आंच। मुख्यमंत्री के खौफ से बेखौफ होकर भ्रष्टाचार में लिप्त मुख्य चिकित्सा अधीक्षक मुख्यमंत्री के निर्देशों की धज्जियां खुलेआम उड़ा रहा है।

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