डॉक्टरी का कहकरा ना जानने वाला सरकारी कर्मचारी बना डॉक्टर
फर्जी अस्पताल में डॉक्टरी के जरिए मामूमों की मौत से करता रहा खिलवाड़
करीब 20 साल से गोपालगंज में तैनात है सरकारी कर्मचारी
कोराई के सरकारी अस्पताल के अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर चला चुका है कई फर्जी अस्पताल
फतेहपुर का देश का पहला ऐसा जिला है जहां पर डॉक्टरी का कहकरा तक ना जानने वाले मजे से डॉक्टर बने बैठे है...और तो और बाकायदा विजिटिंग कार्ड में अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखकर मौत की दुकान सजाए है...और इस सब के पीछे है जिला का स्वास्थ्य महकमा जो इस काम में उनका बराबर का साथ देता है...गोपालगंज पीएचसी में 20 साल से तैनात सरकारी कर्माचारी कई साल से डॉक्टर बना बैठा है...ऐसा नहीं है कि आधिकारियों को इसके बारे में कोई जानकारी तक नहीं है...सब कुछ उनकी जानकारी में धडल्ले से चल रहा है...और सीएमओ दफ्तर का सब कुछ जानकर कार्रवाई ना करने की वजह समझ से परे है...आखिर ऐसी कौन की मजबूरियां है जो ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई करने में विभाग के पसीने झूट जाते है...विकास हॉस्पिटल एवं प्रसव केंद्र का संचालक बना बैठा गोपालगंज पीएचसी के कर्मचारियों के बारे में करते है कि इसे सिस्टम को हर तरह से साधने में महारत हासिल है...शायद तभी लाख खामियों को बावजूद उस पर और उसके जोड़ीदार कोराईं के डॉक्टर पर सीएमओ दफ्तर कोई कार्रवाई नहीं करता है...सूत्रों की माने तो दोनों ही कर्मचारी पैसा तो सरकार से लेते है...लेकिन काम निजी अस्पतालों के संचालन का करता है...गोपालगंज पीएचसी में ड्यूटी के दौरान कर्माचारी ने आशा बहुओं का ऐसा सिंडीकेट तैयार किया है...जो निजी अस्पातालों में मरीजों को लाने का काम करती है...और उसका एक हिस्सा इस कर्मचारी के पास तक पहुंचता है...और कुछ एक आशाबहू संगिनी ने तो 20 सालों से गोपालगंज में टिके कर्मचारी के संरक्षण में तेलियानी विकास खंड से मजह 200 मीटर दूरी पर अपनी दुकान भी सजा रखी है।