सात सूत्री मांगों को लेकर मजदूर किसान और समाजसेवियों ने सौंपा ज्ञापन

 सात सूत्री मांगों को लेकर मजदूर किसान और समाजसेवियों ने सौंपा ज्ञापन




बांदा - आज समाजसेवी मजदूर एवं किसानों ने जिलाधिकारी बांदा के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया गया कि भारतवर्ष में हो रहे छुआछूत भेदभाव ऊंच-नीच के भेद भाव को देखते हुए आम जनमानस में आक्रोश व्याप्त है। जिसको लेकर सैकड़ों की तादाद में लोग जिला कलेक्ट्रेट बांदा पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।

आपको बता दें कि पिछले दिनों राजस्थान के जिला जालौर में प्रधानाचार्य के द्वारा नव वर्ष के छात्र के साथ घड़े में पानी पीने को लेकर मारपीट की गई थी। जिससे छात्र की मौत हो गई थी। साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज अध्यापिका द्वारा छुआछूत भेदभाव को लेकर एक बच्चे के साथ बुरी तरह से मारपीट की गई एवं उसके मुंह में डंडा डालने से गंभीर रूप से घायल हो गया। इन पर सभी लोगों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही मजदूरों ने बताया कि देश भर में गरीब मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में दर-दर भटक रहा है। किसी भी श्रमिक को कोई सहायता नहीं दी जा रही है। गरीब मजदूर भुखमरी की कगार पर आ गए है। तत्काल रोजगार व समस्त सेवाएं दिलाए जाने की मांग की है। लोगों के द्वारा मांग की गई कि इन सभी समस्याओं को लेकर अपराधों को रोकने के लिए आरक्षित वर्ग के किसी न्यायिक अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर घटनाओं जांच एवं समीक्षा कराकर घटनाओं में दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग की है।

लोगों ने आरोप लगाया कि भारतवर्ष में छुआछूत भेदभाव ऊंच-नीच जाति गत भेद भाव के कारण अन्याय अपराध अत्याचार बढ़ रहे हैं। जिसको देखते हुए आम जनमानस में आक्रोश व्याप्त है। मांग की गई कमजोर वर्गों के ऊपर जाति भावना से प्रेरित बढ़ रही घटनाओं को रोकने व पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाए जाने के लिए आरक्षित वर्ग को न्यायिक अधिकारियों से ही जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही करते हुए फांसी की सजा दिलाए जाने की मांग की है। तथा समस्त पीड़ित परिवारों को मुआवजा के तौर पर दस दस करोड़ रुपए दिलाए जाने की मांग की है।

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