मुख्य न्यायमूर्ति के आदेश पर दाखिला सिस्टम बदला, लापरवाही की जवाबदेही होगी तय
न्यूज़।महानिबंधक आशीष गर्ग द्वारा जारी परिपत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि इसका कड़ाई से पालन किया जाए। अनुपालन में लापरवाही होती है तो अनुभाग अधिकारी की जवाबदेही होगी।और इसके लिए जिम्मेदार स्टाफ पर कार्रवाई की जायेगी।इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस दाखिले व लिस्टिंग में आ रही दिक्कतों पर अधिवक्ताओं के विरोध को देखते हुए मुख्य न्यायमूर्ति ने व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सिस्टम में कुछ सुधार किए हैं और उन पर कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट की कंप्यूटर कमेटी के सुझावों पर मुख्य न्यायाधीश ने मुकदमों की स्टैंप रिपोर्टिंग व दाखिले की समयबद्ध दिशा निर्देश जारी कर अधिवक्ताओं की नाराजगी को कम करने की कोशिश की है। कमेटी के सुझावों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है ।महानिबंधक आशीष गर्ग द्वारा जारी परिपत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि इसका कड़ाई से पालन किया जाए। अनुपालन में लापरवाही होती है तो अनुभाग अधिकारी की जवाबदेही होगी।और इसके लिए जिम्मेदार स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी।मुकदमों के दाखिले व सूचना तकनीकी व्यवस्था ध्वस्त होने के विरोध में अधिवक्ता आंदोलित हैं। मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने समय मागा था।जिसकी कड़ी में कमेटी के सुझाव पर कड़ाई से अमल करने का आदेश जारी किया गया है।
हाईकोर्ट द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि जैसे ही केस कार्यालय में पेश होगी।फाइल प्राप्त करने वाला स्टाफ तत्काल तिथि,समय वह डायरी, फाइलिंग नंबर दर्ज करेगा। सीआईएस इंट्री के बाद फाइल स्टैंप रिपोर्टिंग के लिए अग्रसारित कर दी जाएगी।स्टैंप रिपोर्टर भी तिथि समय दर्ज करेगा और दूसरे कार्य दिवस तक रिपोर्ट करेगा। रिपोर्टिंग प्राप्ति क्रम से की जाएगी। जिसमें डिफेक्ट है, उसे अलग कर लिया जाएगा। जिसकी सूचना वेबसाइट पर शाम को प्रतिदिन अपलोड होगी। यह एसएमएस,व ई -मेल के अतिरिक्त होगी। रिपोर्ट फाइलें दाखिले के लिए भेजी जाएगी। वहां भी प्राप्त होने की तिथि समय दर्ज की जाएगी। फ्रेश दाखिला अनुभाग केस 48 घंटे में कोर्ट में सूचीबद्ध करेगा।