जनपद के स्वास्थ्य विभाग के मिलीभगत के चलते मानकविहीन हॉस्पिटलों में मरीजों को गवानी पड़ रही अपनी जान
स्वास्थ्य विभाग आखिर और कितने मासूम लोगों की जिंदगी के साथ करेगा खिलवाड़
लचर से लाचार स्वास्थ्य विभाग मानकविहीन हॉस्पिटल के संचालकों के सामने साबित हो रहा बौना
फतेहपुर। जनपद मे मानकविहीन हॉस्पिटलों के डाक्टरों के द्वारा गलत इलाज किए जाने पर अपनी जान गवानी पड़ रही है।अभी हाल ही में एक निजी हॉस्पिटल में आज फिर एक मरीज को अपनी जिंदगी से हांथ धोना पड़ा।लेकिन फिर भी अभी तक जनपद के स्वास्थ्य विभाग अपनी कुंभकर्णी नींद से बाहर आने का नाम नहीं ले रहा आखिर स्वास्थ्य विभाग अभी और कितने मासूम लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करेगा जो कि ऐसे मानकविहीन हॉस्पिटलों पर कोई भी कार्यवाही नहीं कर पा रहा है।ज्ञातव्य हो कि मानकविहीन हॉस्पिटलों के बारे में विभिन्न समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होती रहती हैं फिर भी स्वास्थ्य विभाग को कोई परवाह नहीं रहती और परवाह हो भी क्यों क्योंकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मानकविहीन हॉस्पिटल के संचालकों का दावा है कि स्वास्थ्य विभाग को समय समय पर उनका कमीशन पहुंचा दिया जाता है जिससे वह हमारी जेब के एक कोने पर सोते रहते हैं और जब स्वास्थ्य विभाग ही अपनी कुंभकर्णी नींद से बाहर नहीं आयेगा तो हमारे हॉस्पिटलों की जांच कौन करेगा और बंद कौन करेगा। वहीं आपको बताते चलें कि जनपद के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती एक सात माह की गर्भवती महिला की मौत का मामला शांत नहीं हुआ था कि आज और एक सरकारी डॉक्टर के निजी हॉस्पिटल में बीमार महिला की मौत हो गई।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक शहर के शांति नगर पर स्थित मां हॉस्पिटल एवं जच्चा बच्चा केंद्र पर तीन दिन पूर्व बीमार महिला के परिजनों के द्वारा उसे वहां भर्ती कराया गया था जहां उसकी ज्यादा हालात खराब होने पर उसे वहां से रेफर कर दिया गया जहां परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया वहीं परिजनों ने बताया कि जिला अस्पताल से भी उसे देर रात कानपुर के लिए रेफर कर दिया गया था जहां उनके पास पैसा न होने पर परिजन उसे अवंतीबाई चौराहे के पास स्थित आर के हॉस्पिटल में भर्ती कराया था जहां आज उसकी मौत हो गई वहीं मृतका के परिजनों ने मां हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर गलत इलाज किए जाने का आरोप लगाते हुए यह बताया कि बीमार महिला को पहले मां हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां वहां के डाक्टरों के द्वारा उसके साथ मारपीट भी की जाती रही है और अंततः पता नहीं इलाज किस प्रकार से किया गया कि उसकी हालात ज्यादा खराब हो गए और दूसरे हॉस्पिटल आर.के. हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई वहीं मृतका के परिजनों ने "मां हॉस्पिटल" के संचालिका अशोका कुमारी के साथ मारपीट करते हुए गलत इलाज किए जाने का आरोप लगाया और हंगामा करते रहे जहां सूचना पाकर जांच करने के लिए पहुंचे सीएमओ के साथ भी परिजनों ने धक्का मुक्की किया तभी सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने भी काफी कड़ी मशक्कत के बाद परिजनों को समझा बुझाकर शांत करवाया।