अन्ततः कोतवाली पुलिस को हाईप्रोफ़ाइल ठग शैलेंद्र सिंह उर्फ़ राजू यादव को गिरफ़्तार ही करना पड़ा
एसीजेएम (प्रथम) ने भेज़ा जेल, चार अभी भी फ़रार, पुलिस की भूमिका पर फिर उठे सवाल
फ़तेहपुर। विदेश भेजने के नाम पर दर्जनों बेरोज़गारों से करोड़ों की उगाही करने वाले हाईप्रोफ़ाइल ठग शैलेंद्र सिंह उर्फ़ राजू यादव को आज गिरफ़्तार कर लिया गया। लम्बे समय से फ़रार चल रहे शैलेंद्र व उसके गैंग पर अब तक चार मुक़दमे दर्ज़ हो चुके है, जबकि दर्जनों मामलो पर कार्यवाही लम्बित है।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार शहर कोतवाली के उ0नि0 दिनेश कुमार यादव ने वांछित अभियुक्त शैलेन्द्र सिंह उर्फ राजू यादव पुत्र रामनरेश निवासी दुर्गानगर कालोनी हरिहरगंज मु0अ0सं0 724/22 धारा 419/420/406/467/468/471/120बी को उसके घर से गिरफ्तार किया, जिसे न्यायालय में पेश किया गया। एसीजेएम (प्रथम) आराधना शुक्ला की कोर्ट ने चौदह दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज़ दिया।
इस चर्चित हाईप्रोफ़ाइल ठग की गिरफ़्तारी को लेकर पुलिस प्रशासन ख़ासकर कोतवाली व हरिहरगंज चौकीं पुलिस की भूमिका शुरू से संदिग्ध रहीं है। भारी दबाव के चलते शैलेन्द्र सिंह उर्फ राजू यादव को आज गिरफ़्तार तो कर लिया गया किन्तु अधिकृत वाट्सअप ग्रुप में मास्क लगवाकर उसकी फ़ोटो वायरल करवाने पर आरोपों में घिर गई।
बताते चलें कि शैलेंद्र सिंह उर्फ़ राजू यादव एवं उसके तथाकथित गैंग के ख़िलाफ़ पहली एफ़आईआर पिछले वर्ष 03 जनवरी 2021 को सदर कोतवाली में अपराध संख्या 07/2021 दर्ज़ हुईं जिसमें वादी मुक़दमा अमित शुक्ला पुत्र सुरेश शुक्ला थे। इस एफ़आईआर में धारा-419, 420, 406, 467, 468, 471 लगा तो दी गई किन्तु विवेचक (हरिहरगंज चौकी इंचार्ज) इस पर गंभीर नहीं हुए। इसी श्रेणी के अपराध से सम्बंधित अगले डेढ़ वर्ष के दरमियान आई 19 शिकायतो को कोतवाली पुलिस ने दर्ज़ नहीं किया।
शैलेंद्र सिंह उर्फ़ राजू यादव एवं उसके तथाकथित गैंग के ख़िलाफ़ दूसरी एफ़आईआर अपराध संख्या 476/2022 विगत 13 जुलाई 2022 को अविनाश त्रिपाठी पुत्र शंकर त्रिपाठी ने दर्ज़ कराया किन्तु विवेचक ने इसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया। इस एफ़आईआर में भी धारा-419, 420, 406, 467, 468, 471 लगाई गईं।
तीसरी एफ़आईआर विगत 21 सितम्बर 2022 को शैलेंद्र सिंह उर्फ़ राजू यादव आदि के ख़िलाफ़ अपराध संख्या 701/2022 कोतवाली में दर्ज़ हुई। इस एफ़आईआर में भी धारा-419, 420, 406, 467, 468, 471 लगी किन्तु नामज़द अभियुक्तों की गिरफ़्तारी नहीं हुई। इस गैंग के ख़िलाफ़ चौथी एफ़आईआर शिवम् पुत्र विनोद शिवहरे ने पिछले दिनों 24 सितम्बर 2022 को शैलेंद्र सिंह उर्फ़ राजू यादव समेत आशुतोष सिंह उर्फ़ शिवम् पुत्र राम प्रकाश सिंह निवासी हरिहरगंज, विकास यादव उर्फ़ संदीप यादव निवासी दुर्गा नगर (हरिहरगंज), जीतेन्द्र उर्फ़ पिंटू दुबे पुत्र सूर्यमणि दुबे के निवासी दुर्गा नगर (हरिहरगंज), प्रशान्त सिंह उर्फ़ दीपू यादव निवासी महिला डिग्री कॉलेज वाली गली (आईटीआई रोड) व प्रवीन यादव उर्फ़ पप्पू पाइनियर के ख़िलाफ़ अपराध संख्या 724/2022 के अन्तर्गत इसमें धारा-419, 420, 406, 467, 468, 471 के अतिरिक्त 120बी की बढ़ोत्तरी हुई है।
ग़ौरतलब है कि विगत 12 सितम्बर 2022 को एक नाटकीय घटनाक्रम सामने आया जब उपरोक्त मुक़दमों के मुख्य अभियुक्त शैलेंद्र सिंह उर्फ़ राजू यादव ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर 03 जनवरी 2021 को दर्ज़ हुई एफ़आईआर (अपराध संख्या 07/2021) के वादी अमित शुक्ला एवं उसके पिता सुरेश शुक्ला के ख़िलाफ़ शिकायतीपत्र देकर कुछ माह पूर्व जान से मारने की नियत से गोली चलाने का आरोप लगाया। क़हते है कप्तान ने आदेश दिया और बग़ैर जाच के दोनों के ख़िलाफ़ कोतवाली पुलिस ने अपराध संख्या 667/2022 में धारा 307 आदि में मुक़दमा दर्ज़ कर लिया किन्तु कुछ ही घण्टे में पुलिस को अपनी गर्दन फँसने का अहसास होते ही इस मुक़दमे को स्पंज कर दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि सुलह-समझौते के लिये दबाव बनाने के उद्देश्य से यह मुक़दमा क़ायम कराया गया था किन्तु गृह मंत्रालय तक मामला पहुँच ज़ाने से अभियुक्त व पुलिस के मंसूबों पर पानी फिर गया…! ख़बर है कि उपरोक्त गैंग से सम्बंधित ठगी क़े अब तक 37 जिन्हें दर्ज़ किया जाना बाक़ी है।
उपरोक्त प्रकरण में सबसे बड़ी बात यह है कि कुछ नामचीन ज़ो सत्तापक्ष से सम्बंधित हैं, उनके बैंक ख़ातो में भी बेरोज़गारों से पैसा मंगाया गया है और कई नामचीन मुख्य अभियुक्त शैलेंद्र सिंह उर्फ़ राजू यादव के ज़मीन से सम्बंधित कारोबार में साइलेंट पार्टनर भी है। पुलिस ने शैलेंद्र की गिरफ़्तारी फ़िलहाल एक मामले में दिखाई है। आज न्यायालय में अभियुक्त के अधिवक्ता ज़ालिम सिंह ने कुछ धाराओ पर आपत्ति जताई, जिसका एपीओ शालिनी श्रीवास्तव ने विरोध किया। जिसके बाद अदालत ने उसे जेल भेज़ दिया।