धोखाधड़ी के माहिर खिलाड़ी से न्याय दिलाने हेतु कोतवाल हुए सजग
आखिर जमीन बिक्री के दौरान गरीब व अनपढ़ लोगों से कब तक करेंगे धोखाधड़ी
फतेहपुर। खागा तहसील के हथगाम सराय अकिल निवासी राम मनोहर ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए बताया कि है मै एक गरीब लोधी किसान परिवार से हूं गरीबी के चलते अपनी जमीन में से 10 फिट जमीन को खागा निवासी नसरीन बेगम पत्नी इजहार को ₹9 लाख में बेच दी थी। पीड़ित लोधी का कहना है कि मैं अनपढ़ व्यक्ति हूं मुझसे नसरीन बेगम व उसके दोनो बेटों ने अंगूठा लगवा कर 10 फीट की जगह धोखे से मेरी 4 बीघा जमीन लिखवा ली। जिसकी आज कीमत लगभग 2 करोड़ है और बेची हुई 10 फिट जमीन का ही मुझे ₹9 लाख रुपए मिले थे। बैनामा के अगले दिन नसरीन बेगम जब अपने दोनों बेटों के साथ पूरे 4 बीघा जमीन में कब्जा करने पहुंची तो राम मनोहर व उसके परिवार के होश उड़ गए कि आखिर 10 फिट के बदले 4 बीघा जमीन उसकी कैसे हो गई। पीड़ित राम मनोहर का कहना कि मै रोता व गिड़गिड़ाता रहा कि साहब ऐसा मत करो मैं गरीब आदमी हूं बिना जमीन के मै भूखों मर जाऊंगा। आपने मुझे ₹9 लाख ही दिए हैं तो 10 फीट ही जमीन लो। तो वही नसरीन बेगम बोली हमने 9 लाख में तुम्हारी पूरी जमीन लिखवा ली है अब तुम थाना पुलिस या कोर्ट कचहरी करो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है तब राम मनोहर अपनी पत्नी के साथ रोते गिड़गिड़ाते हुए खागा कोतवाली पहुंच कोतवाली प्रांगण में बैठे कोतवाल अरुण चतुर्वेदी के पास पहुंचा तो राम मनोहर को कुर्सी में बैठा कर पूरा हाल जाना। कोतवाली प्रांगण में मौजूद लोगों सहित कोतवाल ने जब पूरा मामला जाना तो सभी के होश उड़ गए। पीड़ित की बात सुनने बाद कोतवाली प्रभारी ने राम मनोहर से कहा आप परेशान मत होइए आपकी हर संभव होगी। प्रभारी ने सामने ही विपक्ष पार्टी नसरीन बेगम और उसके दोनों बेटों को खागा कोतवाली बुलाकर पूरी जानकारी लेते हुए कहा कि आप लोग धोखाधड़ी करके क्यों एक गरीब परिवार को बर्बाद कर रहे है। प्रभारी निरीक्षक की सही सूझबूझ से नसरीन बेगम व राम मनोहर दोनों ने उस समय 4 बीघा जमीन विवाद को लेकर आपसी समझौता कर लिया। वहीं समझौते बाद नसरीन बेगम ने 4 बीघा बैनामा वाली जमीन को तीसरी पार्टी को बेच दी, जिसमें कुल प्राप्त रकम से 52 लाख राममनोहर को मिले और 80 लाख 65 हजार नसरीन बेगम को मिले और आपसी संबंधों के चलते पूरा मामला खत्म भी हो गया था। किंतु इसके बाद भी नसरीन बेगम को यह मामला रास नहीं आया तो उसने 9 लाख के बदले धोखाधड़ी से 80 लाख कमा चुकी थी इसके बाद भी नसरीन बेगम की नजर राममनोहर के 52 लाख पर टिकी हुई थी। जहां पीड़ित का कहना है कि नसरीन बेगम और उसके दोनों बेटे राम मनोहर को डरा धमका कर समझौते की 52 लाख रुपए की रकम वापस करने के लिए कहा अन्यथा तुम्हें जिंदा नहीं रहने दिया जाएगा की धमकी दी गई। नसरीन बेगम ने उच्च अधिकारियों को भी गुमराह करने के लिए खागा कोतवाली प्रभारी के खिलाफ भी शिकायती पत्र दिया हैं।सूत्रों की माने तो पूर्व में भी नसरीन बेगम ने 2 और महिलाओं से अलग-अलग जमीन के मामले में धोखाधड़ी कर उन्हें अपना शिकार बनाकर करोड़ों रुपए की चपत लगा चुकी हैं। खागा तहसील के लाडलेपुर गांव निवासी गीता देवी व उसी गांव की निवासी गुजरिया के साथ भी नसरीन बेगम ने धोखाधड़ी कर 6 बीघा जमीन फर्जी तरीके से लिखवा ली जिसमें गुजरिया व सीता देवी ने नसरीन बेगम के खिलाफ खागा कोतवाली में गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज करवाया था किंतु कार्यवाही लम्बित है। अब पूरे मामले में देखने वाली बड़ी बात यह होगी कि पूरा मामला उजागर होने के बाद भी प्रशासन नसरीन बेगम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है या ऐसे ही और भी गरीब परिवार को नसरीन बेगम वा उसके बेटों द्वारा बलि की भेंट चढ़ायेगे।