कोरे कागज में हस्ताक्षर करा बचने की तैयारी, महिला द्वारा जांच में दिए बयान बदलवाने की कोशिश ?

 कोरे कागज में हस्ताक्षर करा बचने की तैयारी, महिला द्वारा जांच में दिए बयान बदलवाने की कोशिश ?



जांच को गुमराह करनें में सचिव, रोजगार सेवक दिन रात कर रहे एक! 


विभागीय जांच में मिला सच! नोटिस का दिया  जवाब,आखिर कब होगी भ्रष्टाचार पर कार्रवाई ?


फतेहपुर। मलवां ब्लाक के उमरौडी कल्यानपुर ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय मनरेगा योजना से आवंटित कैटल सेड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा गया।  व्यवस्था ऐसी कि न लाभार्थी को मालुम न अधिकारियों को पोल तो तब खुली जब संदीप पटेल नें तत्कालीन सचिव व रोजगार सेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार कि शिकायत की  जिसके साक्ष्य प्रमाण की गूंज शोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक में है। खबर को संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल द्वारा एपिओ रवीन्द्र सिंह से जांच कराई गई तो स्थलीय निरीक्षण में कैटल सेड गायब मिला। खण्ड विकास अधिकारी मलवां वीरेंद्र प्रताप वर्मा द्वारा तत्कालीन सचिव यशवीर सिंह, रोजगार सेवक नरेन्द्र सिंह यादव को कारण बताओ नोटिस जारी की!

नोटिस का जवाब शनिवार को बन्द लिफाफे के जरिए दिया गया।

भ्रष्टाचार की जांच की खुद को फंसता देख सचिव महोदय नें विभागीय तंत्र सक्रिय कर  C.D.O से लेकर डी.डि.ओ, डी.सी.मनरेगा तक को जांच में भ्रमित करनें में जुट गए। जांच में मनमुताबिक बयांन देनें व सहयोग करने पर महिला को टीन सेड देनें का कोरा आश्वासन देनें की रविवार को चर्चा रही इसको लेकर बा कायदा स्क्रिप्ट तैयार कर शनिवार को लाभार्थी महिला से कोरे कागज में हस्ताक्षर कराए जानें का दावा है जिसकी पुष्टि नहीं की जा सकती ? वहीं आरोपी कर्मचारी द्वारा सोमवार को महिला के बयान सीडिओ कार्यालय में करानें का प्रयास कर रहे जिससे विभागीय कार्रवाई से खुद को बचा जा सके। 

ऐसे में इन भ्रष्ट कर्मियों को कौन समझाए कि मुख्य जांच स्थलीय निरीक्षण की रही जिसकी रिपोर्ट विडियो साक्ष्य व फोटो बयान सहित विकास भवन पहले ही इस डिजिटल युग में पहुचाए जा चुके बस इंतजार तो महज  नोटिस के जवाब का था जिसका कोरम भी पूरा हो गया।

घाघ सचिव के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि आज भी महोदय को अपने किए कृत्य पर तनिक किंचित मात्र भी अफसोस नहीं है! खैर होगा भी क्यों जब इमानदार अधिकारी के नीचे बैठने वाले बाबू साहब से सेटिंग मजबूत हो  तो योगी सरकार 2.0 की साख पर बट्टा लगानें  में गुरेज कैसा ! आखिर होगा क्या पहले शिकायत होगी फिर जांच आखिर में वही ढाक के तीन पात। फिलहाल सचिव महोदय सत्ता सीन  सफेद पोश  माननीयों की गणेश परिक्रमा कर खुद को बचाने में प्रयास रत होनें की चर्चा।

इस बात डी.डि.ओ नें कार्रवाई का आश्वासन देते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगानें की बात कही।

सवाल जब जांच में कैटल सेड गायब मिला  तो कार्रवाई से क्यों कतरा रहा विकास विभाग ?

विभागीय कार्रवाई में देरी क्यों देरी के चलते विभाग साख पर असर पड़ना लाजमी है। 

कार्रवाई से बचने को सचिव , रोजगार सेवक दिन रात एक कर अधिकारियों के फोन माननीयों से घनघनावा कर सेटल मेंट की बांट जोह रहे! आखिर कब होगी कार्रवाई बड़ा सवाल?

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