जन-सहयोग" से हुए "कामों" का "टेंडर" निकला "मलवां" ब्लॉक में बड़े "भ्रष्टाचार" की तैयारी
मलवां विकास खंड में निजी जमीनों में काम,लाइटिंग एवं टेंडर में हैं खेल!
चौडगरा पुलिस चौकी एवं कल्यानपुर थाने के जन सहयोग से हुए काम,ब्लॉक ने निकाल दिया टेंडर!
30 मई को एसपी राजेश सिंह कर चुके हैं उद्घाटन,सितंबर में निकला टेंडर!
एक दिन पहले ही चौकी में एक और ब्लॉक प्रमुख का लगा दिया गया पत्थर!
जन सहयोग से कामों को तत्कालीन थानाध्यक्ष ने स्वीकारा!
सत्ता के गुरुर में भ्रष्टाचार की नित नई इबारत लिख रहा मलवां ब्लॉक!
ब्लाकों की बागडोर सत्ताधारियों के हांथ,अंदर खाने किए जा रहे बड़े खेल!
जांचे खोलेंगी राज,अपनी ही सरकार को दागदार कर रहे सत्ताधारी!
भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन एवं व्यवस्थाओं को देने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार के नुमाइंदे ही सरकार को दागदार कर रहे हैं।विकास खण्डों के काम टेंडर प्रक्रिया से लेकर उन्हें पूरा करने तक बड़े खेल के हिस्से इसलिए बन रहे हैं कि इनकी बागडोर सत्ताधारियों के हाथों में है। 'जब सैंया भए कोतवाल तो फिर डर काहे का' वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे कई ब्लॉक प्रमुख तो ऐसे-ऐसे गुल खिला रहे हैं कि देखने और सुनने वाले हातप्रभ हैं। फतेहपुर जिले के मलवां विकास खंड के कारनामें सत्ता एवं प्रशासन की जुगलबंदी के चलते नित नए कारनामें कर रहा है।निजी संपत्तियों में काम कराने के अलावा लाइट लगाने के काम में हुए बड़े खेल पर अभी पर्दा पड़ा है लेकिन चौडगरा पुलिस चौकी की इंटरलॉकिंग एवं कल्यानपुर थाने की बाउंड्री वाल व इंटरलॉकिंग के काम को जन सहयोग से कराने वाले तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने 30 मई को उद्घाटन कर दिया पर इन कामों के लिए सितंबर महीने में टेंडर निकालकर सरकारी खजाने के धन का बंदर-बांट किया जा रहा है।दोनों कामों को करने में क्षेत्रीय व्यापारियों,ग्राम प्रधानों एवं भट्ठा संचालकों के सहयोग को तत्कालीन थानाध्यक्ष स्वयं स्वीकार कर रहे हैं लेकिन सत्ता की हनक में एक दिन पहले ही जिस चौकी का उद्घाटन तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने किया उसके बाहर इंटरलॉकिंग के निर्माण कार्य कराए जाने का पत्थर ब्लॉक प्रमुख का लगा दिया गया।
मलवां विकास खंड के भ्रष्टाचार की कहानी लंबे समय से चली आ रही है।क्षेत्रीय लोगों व कई ग्राम प्रधानों का कहना है कि लाइटों के लगाने में बड़ा खेल किया गया।वहीं निजी संपत्तियों में निर्माण कार्य करा कर भी सरकारी खजाने का दुरुपयोग कर लिया गया लेकिन हद तो तब हो गई जब चौडगरा पुलिस चौकी एवं कल्यानपुर थाना की बाउंड्री वाल एवं इंटरलॉकिंग के काम को जनसहयोग से कराने के बाद पुलिस अधीक्षक रहे राजेश कुमार सिंह ने गत 30 मई को उद्घाटन कर दिया। *जन सहयोग की बात जगजाहिर है लेकिन सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में खंड विकास कार्यालय के 32 कामों का जो टेंडर निकाला गया उसमें 7 से 21 सितंबर के बीच निविदाएं मांगी गईं और 22 सितंबर को 2:00 बजे निविदा खोले जाने का समय दिया गया।इन्हीं कामों में क्रमांक 5 पर चौडगरा पुलिस चौकी परिसर की इंटरलॉकिंग के कार्य ₹3.40 लाख एवं कल्यानपुर थाना परिसर में इंटरलॉकिंग एवं बाउंड्री वाल के निर्माण का टेंडर ₹8.44 लाख का भी निकाला गया।ये वे दोनों काम हैं जिन्हें पुलिस मोहकमें ने जन सहयोग से कराया और पूरा होने के बाद उनका उद्घाटन एसपी ने किया। उसी उद्घाटन मौके पर स्वयं ब्लॉक के जिम्मेदार कार्यक्रम में मौजूद रहे।जिनकी तस्वीरें समाचार पत्रों की सुर्खियां भी बनीं। हद तो तब हो गई जब एक दिन पहले ही चौडगरा चौकी के बाहर इंटरलॉकिंग के निर्माण कार्य का ब्लॉक प्रमुख का पत्थर लगा दिया गया जबकि उद्घाटन के समय इंटरलॉकिंग का काम पूरा हो चुका था।जिसकी तस्वीर अपनी कहानी खुद ही स्पष्ट रूप से बयां कर रही है।
टेंडर पिछले माह निकाले गए तो फिर इस धनराशि का खेल आखिर क्या है?अगर यह सरकारी खजाने से काम हुआ तो फिर जन सहयोग से एकत्र की गयी सामग्री एवं धनराशि का बंदरबांट करने वाले कौन लोग हैं?* एक सवाल और भी है कि जब काम मई महीने में हुआ तो उन कामों का टेंडर निकालने का आखिर औचित्य अब क्या है?जानकार बताते हैं कि सत्ता के चढ़े बुखार के चलते कर्ता-धर्ता फ्री स्टाइल में बैटिंग कर रहे हैं।अगर मलवां के कामों की जांच की गई तो एक नहीं भ्रष्टाचार की परत-दर-परत खुलकर सामने आ जाएगी।अब देखना यह है कि किए जा रहे इतने बड़े घोटाले पर जिले के अफसर कौन सी कार्रवाई करते हैं? कामों को देखने की जिम्मेदारी उठाने वाले खंड विकास अधिकारी की उदासीनता व मनमानी भी इसलिए जग जाहिर हो रही है कि जो काम हुआ ही नहीं उसी काम के पत्थर में नाम उनका भी पड़ा हुआ है।दावे एवं वायदे करने वाली भारतीय जनता पार्टी के नुमाइंदे ही भ्रष्टाचार की नित नई इबारत लिख रहे हैं।