जनपद मे लगातार बढ़ रहा डेंगू का प्रकोप,
जनपद में जिला चिकित्सालय (पुरूष) बांदा से 3 डेगू धनात्मक केस रिपोर्ट किये गये
बांडा - मुख्य चिकित्सा अधिकारी बांदा अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि निरोधात्मक कार्यवाही के अन्तर्गत हाउस इण्डेक्स सर्वे, जल भराव वाले स्थानों पर लार्वा निरोधक दवा का छिडकाव एवं नगर पालिका के सहयोग से फॉगिंग का कार्य तथा डेगू से संक्रमित हेाने से बचाने के लिये जनमानस को पम्पलेट्स के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा दी जाती है।
कार्यवाही का विवरण- दिनांक 02.11.2023 को छोटी बाजार,गायत्री नगर, आजाद नगर,कैलाश पूरी, बालखांडी नाका, झील का पुरवा, पीली कोठी बांदा में निरोधात्मक कार्यवाही की गई जिसके अर्न्तगत टीम द्वारा कुल 473 घरों का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण किये गये घरों में 2823पात्रों को देखा गया। जिसमें 20 घर व 21 पात्र एडीज मच्छर लारवा धनात्मक पाये गये समस्त धनात्मक पाये गये पात्रों को खाली कराया गया। धनात्मक पात्रों को खाली न करने पर 0 घरों में नाटिस दी गयी साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जल भराव वाले स्थानों पर लार्वा निरोधक दवा का छिडकाव किया गया। टीम द्वारा जनसमुदाय को डेंगू, मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम, नियंत्रण एवं बचाव के वारे में पम्पलेट्स वितरण कर जानकारी दी गयी तथा उपरोक्त स्थानो पर नगर पालिका परिषद बांदा को फॉगिंग एवं साफ सफाई का कार्य करने हेतु सूचित किया गया है।
डेगू बुखार लक्षण- तेज बुखार जो (104-105 फारेनहाइट) जो कि 5-7 दिन तक रहता है, जोड़ों मे दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना, ऑख की पुतली में दर्द रहना, नॉक, मुॅह एवं पेशाब के साथ खून आना, प्लेट्सलेट का तेजी से कम होना आदि।
बुखार होने पर क्या करेंः-
1. सामान्य बुखार होने पर नजदीक के राजकीय चिकित्सालय /प्रा0स्वा0केन्द्र /सामुु0स्वा0केन्द पर रक्त की जांच एवं
उपचार अवश्य करायें। कोई भी बुखार डेगू, मलेरिया हो सकता है।
2. घर के कूलर बाल्टी घडे़ तथा ड्रम का पानी साप्ताहिक अन्तराल पर बदलते रहें।
3. घर के आस पास एवं गड्ढों में पानी एकत्रित न होने दे। पानी एकत्रित होने वाले स्थानों को मिट्टी से भर दे,यदि सम्भव न हो तो कुछ बूंद जले हूए मोबिल आयल को अवश्य डाल दे।
4. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। शरीर पर मच्छर निरोधक क्रीम /नीम तथा सरसों के तेल का लेप खुले भागों पर लगायें। नीम की पत्ती का धुआं करें।
क्या न करेंः-
1. घर के आस पास छत पर तथा आंगन में पडे़ पुराने बर्तनों,टायर,कूलर फूलदान,गमले में पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आस पास कूड़ा एकत्रित न होने दें एवं सफाई पर ध्यान दें।
2. घर में यदि बुखार का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें अथवा ऐसे कमरें में रोगी की देखभाल करें जिसके खिड़की तथा दरवाजे पर जालियां लगी हों।
3. बुखार का रोगी बिना चिकित्सक की सलाह के दवा का सेवन न करें तथा खाली पेट दवा न खाये