कीचड़ भरा रास्ता कहां जाएं साहब जिम्मेदारों की नहीं खुली नींद प्रधान की कुर्सी पर बेटे की हनक

 कीचड़ भरा रास्ता कहां जाएं साहब  जिम्मेदारों की नहीं खुली नींद प्रधान की कुर्सी पर बेटे की हनक



बिंदकी (फतेहपुर)।विकासखंड देवमई के बरिगवां ग्राम पंचायत में ग्रामीण इन दिनों कीचड़ भरे रास्ते से निकलने के लिए मजबूर हैं जिम्मेदारों की नींद अभी तक नहीं खुली है एक-एक वोट देकर गांव का बना दिया प्रधान मुखिया तो प्रधान का बेटा प्रतिनिधि बनकर अपने पिता की प्रधानी चला रहा है जो एक शिक्षामित्र के पद पर प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त है ब्लॉक में खूब आना जाना है जो विकास कार्य गांव में ग्रामीणों की समस्याओं में खूब जमकर मनमानी पर उतारु है ग्रामीण कहते हैं कि गांव का रास्ता इतना खराब है कि कई बार जिम्मेदारों को मौखिक रूप से अवगत भी कराया गया है जिसमें इसी रास्ते से ग्रामीण निकलते हैं ग्राम पंचायत में सरकार के निर्देशानुसार खुली बैठक के कड़े निर्देश दिए गए लेकिन जिसका असर नहीं पड़ रहा है किसी को बैठक के लिए मालूम है तो किसी को नहीं  मालूम है ग्रामीण अपनी बात आखिर किससे कहें कोई सुनने वाला नहीं है साहब गांव में नालियां बज बजा रही है कीचड़ से प्रदूषण फैलने की आशंका भी ग्रामीणों ने जताई है गंदगी नालियों में भरी हुई है ग्राम पंचायत में लगभग चार गांव आते हैं जिनमें रस्ताएं खड़ंजा टूटे ज्यों का त्यों पड़े हुए हैं ग्राम प्रधानी का चुनाव जैसे ही आता है तो अपनी-अपनी ताल ठोक कर ग्रामीण गरीब जनता के पैर भी प्रत्याशी छू लेते हैं लेकिन 5 साल तक ग्रामीण विकास कार्य के लिए ऐसे तड़पते हैं जैसे कि भारी संकट मंडराता है गांव के कुछ ग्रामीण लाला,रमापति , झल्ला,इसरार, भोंदू,रंगी,कहते हैं कि कुछ ही दूरी पर खड़ंजा लगाने के लिए कई बार गांव के जिम्मेदार मुखिया ग्राम प्रधान से बताया गया लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि पिता की ग्राम प्रधानी कुर्सी पर बेटे की ऐसी हनक दिखाई देती है जिसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है एक शिक्षामित्र के पद पर प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त कर्मचारी अपने पिता की प्रधानी चल रहा है तो विद्यालय में कैसे जाता होगा कुछ ग्रामीण सूत्र कहते हैं कि ग्राम प्रधान राम विशाल प्रधानी तो जीत गए लेकिन प्रधानी उनका बेटा सोनू इन दिनों ब्लॉक अधिकारियों की सांठ गांठ पर खूब चर्चा में है और विकास कार्य की बात करें तो ग्रामीण दलदल भरे रास्ते से गुजर रहे हैं जिस पर किसी ब्लाक कर्मचारियों की नजर पड़ती है और ना ही ग्राम प्रधान की कई ऐसे बड़े सवालों के घेरे में बरिगवां ग्राम पंचायत ने ब्लाक अधिकारियों को खड़ा कर दिया है।

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