साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के शिकार पीड़ित दो व्यकितयों का 1 लाख 29 हजार चार सौ रूपये की धनराशि आवेदकों के बैंक खाते में कराया वापस
फतेहपुर।आवेदक दिलशाद अहमद पुत्र हाफिजुद्दीन निवासी पौली खागा थाना खखरेरू जनपद द्वारा पुलिस कार्यालय में उपस्थित होकर, श्रीमान् पुलिस अधीक्षक को सम्बोधित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा आवेदक को काल किया गया तथा बातचीत के दौरान ही उसके खाते से आनलाइन 79900 ट्रांसफर कर लिये गये । पुलिस अधीक्षक के द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना टीम को त्वरित कार्यवाही हेतु आदेशित किया गया जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए आवेदक से ट्रांसफर हुये रूपयो का विवरण प्राप्त करते हुये तत्काल पोर्टल पर शिकायत दर्ज की गई। नियमानुसार विधिक कार्यवाही कराते हुये आवेदक के पूरे 79900 रूपये सकुशल आवेदक उपरोक्त के बैंक खाते में वापस कराया गया। आवेदक अन्य कोई कार्यवाही नही चाहते है।
दिनांक 03.02.2024 को आवेदक सत्येन्द्र कुमार कुशवाहा पुत्र श्री राम सनेही कुशवाहा निवासी 50 नं0 गेट जयराम मगर (विधायक रोड) थाना राधानगर जनपद फतेहपुर द्वारा साइबर क्राइम थाना में उपस्थित होकर प्रार्थना पत्र देते हुये अवगत कराया कि एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा आवेदक को काल कर क्रेडिट कार्ड बनाने के नाम पर बातचीत के दौरान ही उसके खाते से आनलाइन निन्यानबे हजार रूपये ट्रांसफर कर लिये। साइबर क्राइम पुलिस थाना टीम द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए आवेदक से ट्रांसफर हुये रूपयो का विवरण प्राप्त करते हुये तत्काल पोर्टल पर शिकायत दर्ज की गई। नियमानुसार विधिक कार्यवाही कराते हुये आवेदक के 49500 रूपये सकुशल आवेदक उपरोक्त के बैंक खाते में वापस कराया गया। खाते में अपनी धनराशि पुनः वापस पाने के उपरान्त दोनो आवेदकों द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना में आकर पुलिस अधीक्षक एवं साइबर क्राइम पुलिस थाना के अधिकारी/कर्मचारियों का आभार व्यक्त करते हुए कृत कार्यवाही की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी तथा आभार प्रकट किया गया।
जनमानस से अपील की जाती है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को ओटीपी, डेबिट कार्ड/केडिट कार्ड डिटेल एवं यूजर आईडी पासवर्ड शेयर न करें, चाहें वह बैंक कर्मी हो या ट्रेजरी आफिसर या अन्य कोई । कोई व्यक्ति यदि बातों-बातों में आपसे कोई रिमोट एक्सेस एप जैसे- क्वीक सपोर्ट, एनीडेस्क आदि डाउलोड करने को कहे तो कदापि डाउनलोड न करें। विभिन्न माध्यमो जैसे एसएमएस, ई-मेल, व्हाट्सएप मैसेज आदि पर प्रसारित / प्राप्त हो रहे लिंक को न खोलें। किसी भी कम्पनी का कस्टमर केयर नम्बर गूगल पर सर्च करके प्रयोग में न लायें नम्बर प्राप्त करने हेतु उस कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराये गये डाक्यूमेंट को देखें या केवल आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध नम्बर का प्रयोग करें । एटीएम से पैसे निकालते समय ध्यान रखें कि कोई दूसरा व्यक्ति आपका एटीएम कार्ड बदल न पायें एवं पैसा निकालने से पूर्व उस मशीन में स्किमर एवं कैमरा न लगा हो चेक कर ले । अपने मोबाइल को किसी अनजान व्यक्ति को कदापि न दें । विभिन्न सरकारी आवास योजनाओ का लाभार्थी बताकर यदि कोई पैसे मांगे तो कदापि पैसे न दे । यदि आपके मोबाइल नंबर पर मैसेज या काल आता है कि आपके दोस्त/रिश्तेदार ने रुपये भेजे है, उसे रिसीव कर ले या आप उस लिंक को क्लिक करें तो आपके खाते में राशि आ जाएगी तो ध्यान रखे कि यह काल आनलाइन फ्रॉड की भी हो सकती है और इस पर क्लिक करने से आपके खाते से रूपये कट सकते है, अतः जाँच परख के बाद ही लेन देन करे । किसी भी प्रकार की साइबर क्राइम सम्बन्धी शिकायत को दर्ज करने हेतु नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in या टोल फ्री नं0 1930 डायल करें या अपने बैंक को घटना के सम्बन्ध में अवगत कराते हुये नजदीकी थाने की साइबर सेल में सम्पर्क करे।
साइबर क्राइम पुलिस थाना टीम
प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद कमर खान,
उपनिरीक्षक विन्ध्यवासिनी तिवारी,
उपनिरीक्षक रणधीर सिंह,प्रवीन सिंह
अजय कुमार, शुभेन्दु रंजन, पुनीत कुमार, सिद्धांत सिंह मौजूद रहे।