10 वर्षों में करोड़ों की फसल जलकर हुई राख, समूचे तहसील में मात्र एक फायर स्टेशन

 10 वर्षों में करोड़ों की फसल जलकर हुई राख, समूचे तहसील में मात्र एक फायर स्टेशन



किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी का माहौल,चुनाव में देंगे जवाब


मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में 10 वर्षों में बदली काशी विश्वनाथ धाम की तस्वीर,महामंडलेश्वर ने भजन के आगे नहीं दिया ध्यान




बिंदकी/फतेहपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी विश्वनाथ धाम की तस्वीर ही बदल डाली, जो विश्वविख्यात हो गया किंतु महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति ने यदि अपने संसदीय क्षेत्र में दो पंचवर्षीय के कार्यकाल में जरा भी ध्यान अग्रसारित किया होता तो आज फतेहपुर जनपद की तस्वीर कुछ और ही बयां करता। स्पष्ट है कि भाजपा सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों का दावा पूरी तरह से खोखला साबित हुआ है, जिसका सबसे जीता जागता नमूना फिलहाल बिंदकी तहसील क्षेत्र में 10 वर्षों में अब तक करोड़ों की फसल जलकर राख हो गई जिसका कारण रहा है कि फायर ब्रिगेड की पर्याप्त व्यवस्था का न होना। तहसील बिंदकी में मात्र एक फायर स्टेशन है जिसकी व्यवस्था भी पूरी तरह से जर्जर है। आग लगने की सूचना पर एक छोटी गाड़ी से कर्मचारी थोड़ी ही दूर जा पाते उन्हे दूसरी जगह आग लगने की सूचना मिलने पर कहीं भी पूरी तरह से आग पर काबू पाने के लिए विफल होते आए हैं। किसान रोते रहे और आग लगती रही। लोगों ने कई बार तहसील क्षेत्र में और फायर स्टेशन होने की मांग की किंतु सांसद के कान में जूं तक नहीं रेंगे जिससे किसानों में रोष व्याप्त है।

     भारतीय जनता पार्टी केंद्र व राज्य की सरकार तमाम लंबे चौड़े विकास के दावे की बात करती है लेकिन बात की जाए केवल फायर स्टेशन की तो 10 सालों में फायर स्टेशन की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई। बिंदकी कस्बे के कुंवरपुर मार्ग में एकलौता फायर स्टेशन है। फायर स्टेशन में केवल एक छोटी गाड़ी है जिसमें पर्याप्त कर्मचारी नहीं है। आग लगने की सूचना मिलने पर इसी गाड़ी को भेजी जाती है, दूसरी बड़ी गाड़ी जर्जर पड़े हुई है लेकिन इधर 10 वर्ष गुजर गए दूसरी गाड़ी का इंतजाम नहीं किया गया। इसीलिए एक छोटी गाड़ी से बिंदकी तहसील क्षेत्र के मलवा, गंगा कटरी, मुरादीपुर, चौडगरा, औंग, छिवली नदी तक वही देवमई, मुसाफा, बकेवर, जहानाबाद बॉर्डर, अमौली, चांदपुर, हमीरपुर जनपद के बॉर्डर तक इसके बाद अमौली क्षेत्र तथा अमोली क्षेत्र के यमुना किनारे के सैकड़ो गांव के लिए केवल मात्र यही एक गाड़ी है। जिस समय आग लगने की सूचना मिलती है उस समय यही गाड़ी बिंदकी कस्बे से चलती है तब तक दूसरी, तीसरी और चौथी जगह आग लगने की सूचना कर्मचारियों को मिलती है जिस पर कोई गाड़ी की व्यवस्था नहीं हो पाती है और तब तक किसानो की मेहनत की कमाई का गेहूं की फसल जलकर राख हो जाती है। ऐसी स्थिति में किसान के ऊपर क्या स्थिति गुजरती है यह सभी को मालूम है। किसान कितनी मेहनत से खेत में फसल को उगाता है और आग लगने के बाद चंद मिनट में ही उसकी पकी-पकाई फसल जिस समय जल जाती है तो उसके आंखों से आंसू बहने लगाते हैं। अब यहां पर तमाम विकास के दावे करने वाली सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, झूठे वादे झूठे विकास की बात इसी से साबित होती है। किसानों में इस बात को लेकर नाराजगी का माहौल लगातार बना हुआ है। किसानों में सरकार के प्रति विरोध के साथ बेहद नाराजगी व्याप्त है। आपको बता दें कि किसानों द्वारा लगातार मांग हो रही थी कि जहानाबाद, अमौली और औंग की तरफ भी फायर स्टेशन बनवाया जाए इसके अलावा बिंदकी फायर स्टेशन में काम से कम तीन गाड़ियों की व्यवस्था हो, पर्याप्त स्टाफ हो किंतु बिंदकी फायर स्टेशन में  पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कर्मचारियों के लिए पीने के लिए पानी, बिजली की व्यवस्था नहीं है जिससे यहां का कर्मचारी लगातार परेशान रहता है और कर्मचारियों में भी नाराजगी का माहौल व्याप्त है। फतेहपुर जनपद में पिछले दो पंचवर्षीय में यदि विकास के कार्य किए गए होते तो किसानों में रोष व्याप्त नहीं होता और हैट्रिक की पूरी संभावना होती नजर आती किंतु महामंडलेश्वर साध्वी ने अपना पूरा 10 साल मात्र भजन और कीर्तन में ही लगा दिया और आज फिर से लोगों के घर-घर जाकर वोट मांगते हुए नजर आ रही हैं। जानता अब जागरूक हो चुकी है और मतदाताओं ने अपना मन बना लिया है कि उन्हें कहां पर अपने मताधिकार का प्रयोग करना उचित होगा।

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