सत्ताफरोश के बावजूद दस वर्षों में सांसद को नहीं दिखा अधूरा पड़ा बिंदकी बाईपास

 सत्ताफरोश के बावजूद दस वर्षों में सांसद को नहीं दिखा अधूरा पड़ा बिंदकी बाईपास



उपेक्षाओं का शिकार कस्बा बिंदकी,सपा प्रत्यासी के आगे क्या लग पाएगा जनपद में पहला हैट्रिक


मार्ग दुर्घटना में हुए अब तक के मौतों का होगा आखिर में कौन जिम्मेदार


बिंदकी बाईपास नहीं तो वोट नहीं, बिंदकी डिपो नहीं तो वोट नहीं


दो पंचवर्षीय पाकर केंद्रीय राज्य मंत्री ने कस्बा बिंदकी के लिए क्या किया, जनता सवाल



बिंदकी/फतेहपुर। नीचे से लेकर ऊपर तक बैठे पूर्ण बहुमत की सरकार के होते हुए भी फतेहपुर जनपद में भाजपा का दो बार सांसद के रूप में परचम लहराने वाली नेत्री को मात्र भजन-कीर्तन के आगे और कुछ दिखा ही नहीं। किंतु आमजनमानस के लिए खुद को दिखाने का आने वाले 20 मई को वह समय शीघ्र है। इन दो पंचवर्षीय में न जाने कितने लोग मार्ग दुर्घटना का शिकार होकर काल के गाल में समा चुके हैं, बिंदकी बाईपास का निर्माण कार्य अधूरा ही पड़ा रहा, आखिर में कौन रहा इसका जिम्मेदार और क्यों नहीं बन पाया बिंदकी बाईपास?

 नगर तथा बिंदकी और जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों भाजपाई वोट के लिए काफी मशक्कतों का सामना कर रहे हैं। भाजपा नेत्री के साथ-साथ कार्यकर्ता भी अपने-अपने बूथ को जिताने के लिए अपने एंडी-चोटी तक का जोर कसे हुए नजर आ रहे हैं और दिन-रात एक करके हैट्रिक लगाने की जुगत में हैं। किंतु कहना मुश्किल नहीं होगा, हो सकता है कि एक अंधे भक्त की तरह तीर सटीक निशाने पर ही लगकर एक तुक्का के रूप में बन जाय। आपको बता दें कि जब से समाजवादी पार्टी से नरेश उत्तम पटेल ने नामांकन करवाया है, तब से भाजपाइयों में खलबली सी मच गई हुई है। फिरभी सभी मोदी लहर की आस में बैठे हुए हैं। हलाकि समाजवादी पार्टी के घोषित प्रत्यासी को प्रचार के लिए काफी कम मिला हुआ है किंतु सूत्रों से पता चला है कि उतना ही पर्याप्त है। कारण यह है कि एक सफल अभिनेता के रूप में दिख रहे सपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह यादव ने घोषित प्रत्यासी के पूर्व में ही अपनी रणनीति और भूमिका बनाकर अपने सक्रिय कार्यकर्ताओं के माध्यम से सभी छै विधानसभा क्षेत्र के कुल 19 लाख 35 हजार 8 सौ 91 मतदाताओं के बीच अपना संदेश पहुंचा चुके थे, मात्र प्रत्यासी का तय होना अर्थात आना ही शेष रह गया था। गौरतलब रहे कि फतेहपुर जनपद कृषि प्रधान जनपद रहा है किंतु उत्तर प्रदेश में फतेहपुर 10 पिछड़ों की गिनती में आज भी विराजमान है जिसमें बिंदकी कस्बे के बारे यदि देखा जाय तो फतेहपुर तो दूर यहां पर तो अब तक न ही बिंदकी डिपो बन पाया और न ही बिंदकी बाईपास, जबकि लोकतंत्र के त्यौहार में मजबूती और विकास होने की उम्मीद से जनता ने केंद्र से लेकर प्रदेश और जनपद तक दो पंचवर्षीय का समय भाजपा को पूर्ण बहुमत से बनाकर दिया, किंतु मात्र लॉलीपॉप के अलावा बिंदकी को कुछ भी नहीं मिला। नाम न छापने की शर्त पर मामले में नगर के बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों आदि का यही कहना रहा कि रोड नहीं तो वोट नहीं, विकास नहीं तो वोट नहीं अर्थात बिंदकी बाईपास और बिंदकी डिपो पिछले 10 वर्षों में नहीं बन पाया तो अब क्या बन पाएगा, इसलिए अब दूसरे को ही एक नए चेहरे को ही विकास के नाम पर चुनेंगे। उन्होंने अपील किया है कि आगामी समय में सही चुने और सटीक चुने अन्यथा सिवाय 5 साल तक पश्चताने के अलावा कुछ भी नहीं मिलेगा।

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