रामदत्त मिश्रा (टिकैट गुट) के प्रदेश महासचिव बनाए गए, कार्यकर्ताओं ने जताया हर्ष
रामदत्त मिश्रा (टिकैट गुट) के प्रदेश महासचिव बनाए गए, कार्यकर्ताओं ने जताया हर्ष 

करीब आठ वर्ष बाद हुई वापसी, वर्ष 1991 से मई 2017 तक संगठन के सच्चे सिपाही के तौर पर दे चुके हैं सेवाएं

फतेहपुर। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के लिए एक सच्चे सिपाही की भांति करीब ढाई दशक तक विभिन्न पदों में रहकर सेवा देने के बाद संगठन में आपसी खींचतान के चलते वर्ष 2017 में भाकियू से अलग हुए रामचंद्र मिश्रा की करीब आठ वर्ष बाद एक बार फिर संगठन में वापसी हुई है। श्री मिश्रा के पुनः संगठन में वापसी को लेकर एक गुट खासा नाराज रहा, किंतु अंततः उत्तराखंड प्रांत के हरिद्वार में आयोजित हुए राष्ट्रीय शिविर के दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट द्वारा श्री मिश्र को प्रदेश महासचिव घोषित किए जाने के बाद विरोध के स्वर धीमे पड़ गए हैं और उनके संगठन में वापसी को लेकर हर्ष व्यक्त किया जा रहा है।
ज्ञात रहे की श्री मिश्र वर्ष 1991 में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) में शामिल हुए थे और उन्हें ग्राम अध्यक्ष पद की कमान सौपी गई थी, जिसके बाद उनके संगठन के प्रति निष्ठा को देखते हुए तहसील अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा गया। वर्ष 1999 में यूनियन के फ्रंटल संगठन बहुजन किसान दल (बीकेडी) का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। श्री मिश्र इस पद पर वर्ष 2016 तक रहे। उसके बाद संगठन में  आपसी खींचतान के चलते श्री मिश्रा ने वर्ष 2017 में संगठन से त्याग पत्र दे दिया। उसके बाद केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के फ़्रंटल संगठन किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। श्री मिश्र 16 जून 2024 तक आरपीआई में रहे। आरपीआई की नीति श्री मिश्र को संतुष्ट नहीं कर सकी जिसकी वजह से उन्होंने आरपीआई से त्यागपत्र देते हुए पुनः भारतीय किसान यूनियन में वापसी की है।
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