*आरक्षित 30 बीघा जमीन को लेकर खंभापुर से लेखपाल का छिना चार्ज*
👉 *नवागंतुक जिलाधिकारी से मोहल्ले वासियों की जगी न्याय की आस*
👉 *आधा दर्जन प्राचीन कुओं को अस्तित्व विहीन कर भूमाफियाओं ने सनातन धर्म को पहुंचा चोट*😭😭
*फतेहपुर*।नगर पालिका परिषद सदर के मोहल्ला खंभापुर में आरक्षित 30 बीघा जमीन को लेकर जारी प्रक्रिया के तहत प्रशासन अतिक्रमण हटाने में नाकामयाब रहा। जिला प्रशासन ने इस मामले में लेखपाल का स्थानांतरण कर नए लेखपाल की तैनाती कर कार्यवाही के नाम पर शिफर रहा। इसकी शिकायत तत्कालीन जिलाधिकारी श्रीमती सी इंदुमती से की गई थी लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद नवागंतुक जिलाधिकारी रविंद्र सिंह के सख्त रवैया को देखते हुए आरक्षित 30 बीघा जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने के लिए खंभापुरवासियों की आस जगी है। मालूम हो कि खंभापुर मोहल्ले में वेशकीमती 30 बीघा आरक्षित जमीन पर भू माफियाओं ने पूरी तरह से काबिज है। कब्जा करने में समाज सेवक का चोला पहनकर एक से बढ़कर एक धुरंधर जमीन को निगलने में पीछे नहीं है। सरकार की मनसा के विपरीत जिला प्रशासन शिकायत कर्ताओं के के शिकायत करने के बाद भी भू माफियाओं के चुंगल से जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने में नाकाम साबित रहा है। जिससे हौसले बुलंद भू माफिया शेष बची कुची जमीन को भी हथियाकर उसे औने पौने दाम में गलत तरीके से बिक्री करने में होड लगा रखी है। इतना ही नहीं भू माफिया आरक्षित जमीनों पर आवासीय भूखंड बनाने के बाद सड़क के किनारे वृक्षारोपण खेलकूद मैदान खलिहान व तालाबों के साथ पशुचर की जमीन पर भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाने में भी उनके कदम पीछे नहीं है। इतना ही नहीं खंबापुर गांव में भू माफियाओं द्वारा आधा दर्जन कुओ को भी पाट कर कब्जा कर लिया गया जबकि सनातन धर्म में कण को कुछ पूजने की प्रथाएं सनातन धर्म में शुभ कार्यों में कुओं को पूजने की प्रथाएं प्राचीन काल से चली आ रही है जिनको अस्तित्वविहीन कर सनातन धर्म को भूमाफियाओं द्वारा ठेस पहुंचाने का कार्य किया गया। उपरोक्त आरक्षित जमीनों में कब्जे की शिकायतें समय-समय पर मोहल्ले वासियों द्वारा शासन प्रशासन को निरंतर की गई लेकिन जिला प्रशासन के कान में जुटा तक नहीं रहेगा और अतिक्रमणकारियों ने क्षेत्र की वेश कीमती तालाब कुआं पशुचर,खेलकूद मैदान खलिहान व वृक्षारोपण की जमीन में कब्जा कर शासन प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं।
इस बाबत तत्कालीन जिलाधिकारी अंजनेय कुमार सिंह ने अतिक्रमण कारियो के कब्जे से जमीन को मुक्त कराने के लिए कदम बढ़ाया और खंभापुर के तालाब, खलिहान, वृक्षारोपण की जमीन पर कब्जा करने वाले चंद् लोगों के खिलाफ लेखपाल द्वारा कार्यवाही के नाम पर नोटिस दी गई लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी अंजनेय कुमार सिंह के स्थानांतरण के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया और आज तक अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जिलाप्रशासन कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा सका।