विदेशियों की पॉलिसी- नौजवानों को नशेड़ी बना कर भारत को बर्बाद करने की साजिश - सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज*
*विदेशियों की पॉलिसी- नौजवानों को नशेड़ी बना कर भारत को बर्बाद करने की साजिश - सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज*

*बच्चों पर ध्यान नहीं दिया तो आपकी उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा*

मुंबई (महाराष्ट्र) युवाओं को टारगेट कर देश को खोखला करने वाली विदेशियों की पॉलिसी के बारे में सबको समय रहते बता कर चेताने वाले, बचने का उपाय भी साथ ही बता देने वाले, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन से आये बाबा उमाकान्त जी महाराज ने मुंबई में दिए संदेश में बताया कि जब से मांसाहार बढ़ा बीमारियां बहुत बढ़ गई। अस्पतालों में बहुत भीड़, खड़े होने की जगह नहीं, बेड खाली हुआ नहीं कि दूसरा तैयार है उस पर लेटने के लिए। यह सब खान-पान का असर है। जहर या मांस-मछली-अंडा चाहे जान में खाओ या अनजान में खाओ, नुकसान तो करता ही करता है। अभी तिरुपति बालाजी के लड्डू प्रसाद, जिसको पूरे परिवार सबको खिलाते हैं, उसके घी में जानवरों की चर्बी, मछली का तेल, गाय व अन्य जानवरों का मांस भी जांच में मिला। चाहे प्रसाद समझ करके ही खाया तो भी उसका असर आएगा। बाहर का खाने की आदत पड़ गयी तो मिलावट का पता होने पर भी हरे निशान होने का बहाना बनाएगा। और मिलावट करने वाला लाल की जगह हरा निशान लगा देगा। घर का खाओ, परहेज करो। मन बुद्धि इन्द्रियाँ सही रहेगी। आप लोग कहोगे कि बाबा जी के यहां तो बहुत परहेज करना पड़ता है। लेकिन दुनिया से, दुनिया की दौलत-विद्या से बड़ी दौलत-विद्या पाना चाहते हो, तो थोड़ा परहेज करना पड़ेगा।

*मुंबई में पहले नशे की गोलियां तो थी ही अब तो गांव-गांव में फैल गई*

मांस मछली अंडा मत खाना, शराब और इसके जैसे तेज नशे का सेवन मत करना, चाहे कोई जड़ी-बूटी हो या पीने वाली चीज हो। मुंबई जैसे शहर में नशे की गोलियां तो पहले ही फैली हुई थी। अब तो गांव-गांव में गोली पहुंच गई, व्यापार शुरू कर दिया। एक का चार गुना पैसा मिलता है। अंदर ही अंदर सप्लाई कर नौजवानों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। जैसे पहले पडोसी राजा को ख़त्म करने के लिए थोड़ा-थोड़ा जहर दे कर विष कन्या तैयार करते थे जिससे सम्बन्ध बनाते ही दुश्मन राजा ख़त्म हो जाए। ऐसे ही क्या मालूम जो दुश्मन देश हो, वह भारत के नौजवानों की ताकत को नशाखोरी से खत्म कर दे रहे हो की लड़ाई में बंदूक ही न उठा पावे, इनका दिल-दिमाग काम ही न कर पावे, भारत जो तरक्की कर रहा है वो तरक्की न कर पावे, कोई काम न कर पाए। क्या यह उनकी पॉलिसी नहीं हो सकती है? इस समय सब कुछ संभव है।

*साथ का बहुत बड़ा असर होता है*

बच्चों को जैसी सीख मिलेगी वैसा ही तो काम करेगा। पागल आदमी क्या काम करेगा? कुछ नहीं। नशे में आदमी पागल ही तो रहता है। आपको उम्मीद है कि हमारा बच्चा तरक्की करेगा, खिलाड़ी, अच्छा पहलवान, नेता, समाज सेवक या महात्मा बनेगा। अगर बच्चों पर ध्यान नहीं दोगे तो आपकी वह उम्मीद अधूरी रह जाएगी। आप ऐसे नशे का सेवन मत करना। बच्चों को समझाओ, सतसंगी भजनानंदी बच्चों के साथ उनको कर दो, तो साथ के असर से सुधर जाएंगे। साथ के असर से बच्चे बिगड़ते भी हैं। गलती करोगे तो सजा मिलेगी, चाहे नए हो या पुराने हो। रहो सावधान।
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