जनपद न्यायाधीश ने जिला कारागार पहुंचकर कैदियों की समस्याएं सुन किया निरीक्षण
जनपद न्यायाधीश ने जिला कारागार पहुंचकर कैदियों की समस्याएं सुन किया निरीक्षण


फतेहपुर अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अनुपालन में जिला कारागार, फतेहपुर में निरूद्व बंदियों के अधिकारो एवं उनके समस्या से सम्बन्धित निपटान हेतु जिला कारागार, फतेहपुर का निरीक्षण  किया गया। 
उक्त निरीक्षण में अजय सिंह-प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला  विधिक सेवा प्राधिकरण व  प्रमोद कुमार त्रिपाठी, जेल अधीक्षक, अनिल कुमार जेलर व कृपाल सिंह, डिप्टी जेलर, श्रीमती माया डिप्टी जेलर, श्री अशोक कुमार, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल/न्याय रक्षक, व सु0श्री0 रोशनी, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल/न्याय रक्षक, धनश्याम, लिपिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फतेहपुर व श्रीमती वर्षा गुप्ता लिपिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फतेहपुर आदि उपस्थित रहे।
अजय सिंह प्रथम, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर ने जिला कारागार फतेहपुर में निरीक्षण के दौरान जिला कारागार में स्थापित लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। लीगल एड क्लीनिक में कार्यरत पी.एल.वी./अधिकार मित्र से बंदियों के प्रार्थना पत्रो से सम्बन्धित रजिस्टर का अवलोकन किया गया। इसके साथ-साथ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल/न्याय रक्षकगणो के द्वारा बन्दियो को निःशुल्क विधिक सहायता से सम्बन्धित जानकारी प्रदान की गयी। इसके साथ-साथ सभी बन्दियो को यह भी अवगत कराया गया कि यदि किसी भी बन्दी के पास पैरवी करने हेतु अधिवक्ता नही है तो जेल पी0एल0वी0 के द्वारा प्रार्थना पत्र लिखवाकर जेल अधीक्षक द्वारा कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में अग्रसारित कर सकते है। जिससे बन्दियो को निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त हो सके। 
इसी क्रम में जिला कारागार, में बने पाकशाला का निरीक्षण किया गया। जिसमें सायं कालीन भोजन-आलू, बैगन की सब्जी रोटी व मसूर की दाल बनता हुआ पाया गया एवं दोपहर के नाश्ते में चाय, बिस्किट मिलना बन्दियो ने अवगत कराया, पाकशाला में लगभग 35 बन्दी कार्य करते हुये पाये गये। पाकशाला में सफाई व्यवस्था दुरुस्त पाया गया एवं भोजन गुणवत्ता पूर्ण पाया गया। बन्दियो को दिये जाने वाले भोजन में रोटियो की तौल करायी गयी जिसमें मात्रा सही पाया गया। 
इसके अतिरिक्त महिला बैरक का निरीक्षण कर उनके विधिक अधिकारो के विषय पर जागरूक करते हुए बताया गया कि प्रत्येक बंदी को कानून में विभिन्न प्रकार के विधिक अधिकार प्राप्त है जैसे किसी बंदी के पास अधिवक्ता नहीं होता है तो जेल अधीक्षक के माध्यम से कार्यालय जिला विधिक सेवा को निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त करने का प्रार्थना पत्र दे सकते है। वर्तमान समय में लीगल एड डिफेन्स काउिन्सल सिस्टम के माध्यम से निःशुल्क पैरवी कराई जा रही है। प्रत्येक बंदी को अपने घर वालों से मुलाकात करने का अधिकार, पढ़ने का अधिकार, फोन पर अपने परिजनो से बात करने का अधिकार, इलाज करायें जाने के अधिकारो से सम्बन्धित जानकारी प्रदान की गयी।
टिप्पणियाँ