लखनऊ।
दुर्बल आय वर्ग के मरीज निजी अस्पताल में भी कोरोना का उपचार करा सकेंगे। आयुष्मान योजना के तहत उनका मुफ्त इलाज होगा। इसके लिए प्रदेश के 264 अस्पतालों का चयन किया गया है। इन अस्पतालों में संक्रमण से बचाव के मानक पूरे किए जा रहे हैं। वहीं, प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है, जिसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी।
राज्य सरकार कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए हर जतन कर रही है। इसके लिए इलाज की मजबूत चेन तैयार की जा रही है। चिकित्सा शिक्षा-चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर इलाज की टिपल लेयर रणनीति बनाई है। अस्पतालों में लेवल वन से लेकर लेवल थ्री तक कोरोना ट्रीटमेंट का ढांचा तैयार किया जा रहा है। सीएचसी से लेकर चिकित्सा संस्थान तक अलर्ट हैं। दोनों विभागों ने आइसोलेशन-क्वारंटाइन के लिए सरकारी में 15-15 हजार बेड आरक्षित किए हैं। वहीं, बेडों और वेंटिलेटर की की संख्या बढ़ाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों को भी मिशन से जोड़ा जा रहा है। दूसरी तरफ, गरीबों को स्थानीय स्तर पर बेहतर व मुफ्त उपचार मुहैया कराने के लिए आयुष्मान योजना को हथियार बनाया जाएगा। इसके लिए पूरा प्लान तैयार हो गया है। प्रथम चरण में 264 अस्पताल आयुष्मान के तहत कोरोना का मुफ्त उपचार करेंगे। इनमें 238 सरकारी और निजी 26 अस्पताल हैं।
निजी अस्पतालों की बढ़ेगी संख्या
कोरोना का इलाज करने वाले निजी अस्पताल अन्य मरीज भर्ती नहीं कर सकेंगे। वह सिर्फ कोविड-19 के मरीज ही भर्ती करेंगे। सूची में अन्य निजी अस्पताल भी शीघ्र जोड़े जाएंगे। कई निजी अस्पतालों ने इसके लिए आवेदन भी किया है। पहले सभी को संक्रमण बचाव की पुख्ता तैयारी के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश के निजी अस्पतालों में सवा लाख बेड की क्षमता
प्रदेश में आयुष्मान योजना से 1004 सरकारी अस्पताल संबद्ध हैं। वहीं, निजी अस्पताल 1504 जुड़े हैं। 75 जनपदों में फैला निजी अस्पतालों का नेटवर्क कोरोना से निपटने में कारगर साबित होगा। इन निजी अस्पतालों में एक लाख 26 हजार बेड हैं। सभी से कोविड-19 अस्पताल बनाने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है।
एक दिन के पेशेंट केयर चार्ज के रूप में मिलेंगे 1800 रुपये
योजना में पेशेंट केयर चार्ज निजी अस्पतालों को 1800 रुपये प्रतिदिन देने की योजना है। यह जनरल वार्ड का चार्ज होगा। वहीं, आइसीयू में मरीज शिफ्ट होने पर 4500 रुपये देने का विचार है। इससे गरीबों के इलाज की बाधा दूर हो जाएगी।
क्या कहते हैं अफसर ?
सीईओ-साची संगीता सिंह के मुताबिक, आयुष्मान योजना से कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज मुहैया कराया जाएगा। सरकारी-निजी अस्पतालों की लिस्ट बनी है। प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही आयुष्मान लाभार्थियों को मुफ्त उपचार मिलने लगेगा।
सवा छह करोड़ आबादी को कोरोना से मिलेगी सुरक्षा
वर्ष 2018 में देश में लांच हुई योजना, 23 सितंबर से यूपी में शुरू
यूपी में लाभार्थी परिवार लगभग एक करोड़, 26 लाख
एक परिवार में न्यूनतम पांच सदस्य योजना में हैं शामिल
ऐसे में छह करोड़, 30 लाख आबादी को कोरोना से मिलेगी सुरक्षा
योजना में शामिल हैं 1574 पैकेज, हर इलाज होगा मुमकिन