बैंक कर्मचारियों पर प्रशासन की उदासीनता पड़ सकती है भारी


जहानाबाद (फतेहपुर)


बैंक कर्मचारियों को नजरअंदाज करने को लेकर प्रशासन की थोड़ी भी उदासीनता एवं चूक कोरोनावायरस के संक्रमण रहित जिलों को भारी पड़ सकती है कानपुर एवं आसपास के जिलों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते इन महानगरों से आने वाले  बैंक कर्मचारी कभी भी कोरोनावायरस विहीन जिलों में  कोरोना बम फोड़ सकते हैं इसके लिए जिला प्रशासन /शासन को तुरंत प्रभाव से सख्ती बढ़ानी चाहिए और अधिक से अधिक सतर्कता बरतना चाहिए क्योंकि इन महानगरों से आने जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कभी भी असंक्रमित क्षेत्र को भी संक्रमित किया जा सकता है क्योंकि ज्यादातर बैंक कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र से बाहर से आते हैं जो कि संक्रमित क्षेत्र है उदाहरण के तौर पर अधिकतर बैंक कर्मी अपने पोस्टिंग वाले स्थान पर न रहकर कानपुर या आसपास के जिलों से आते हैं इसके लिए उन्होंने किराए पर बैन कर रखी है जो कि सुबह सभी को इकट्ठा करके उनके कार्यस्थल पर लाकर छोड़ देती है और शाम को वापस ले जाती है उस वैन या सवारी का किराया पूरे स्टाफ द्वारा  हिस्सा बांट करके दिया जाता है आने जाने के इस क्रम में थोड़ी सी असावधानी हुई तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की असंक्रमित जिलों को इसकी कितनी बड़ी  कीमत चुकानी पड़ेगी फिर भी इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर  प्रशासन क्यों मौन है  इसका अंदाजा लगा पाना कठिन कार्य है। जबकि शासन स्तर पर जिसकी पोस्टिंग जहां है वहां रहना अनिवार्य है और स्टेशन छोड़ने से पहले उच्चाधिकारियों की अनुमति लेना आवश्यक है परंतु इसको नजरअंदाज किया जा रहा है आवश्यकता है कि इस पर गंभीर कार्रवाई करते हुए जिलों के बॉर्डर सील किए जाने चाहिए और ऐसे कर्मचारियों के लिए सख्त आदेश होना चाहिए कि वह अपने कार्यस्थल पर  ही  अपना निवास स्थान बनाएं तभी असंक्रमित जिले  सुरक्षित रह सकेंगे अन्यथा उनके ऊपर भी संक्रमण की तलवार लटकती रहेगी ।


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