नई दिल्ली।
देश की पहली रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम परियोजना के पहले कॉरिडोर की ट्रेन भी मेड इन इंडिया ही होगी। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ ट्रैक पर दौड़ने वाली ट्रेन का निर्माण गुजरात में होगा। मंगलवार को एनसीआर परिवहन निगम ने टेंडर भी अवार्ड कर दिया। ट्रेन के डिब्बों की डिलीवरी 2022 से शुरू हो जाएगी। 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर 17 किमी के हिस्से में तो निर्माण कार्य पहले से ही चल रहा है, दुहाई से साहिबाबाद के बीच पिलर निर्माण कार्य भी तेजी से गति पकड़ रहा है। साहिबाबाद से दुहाई तक इस ट्रेक पर मार्च 2023 से रैपिड रेल का परिचालन शुरू होना है। 2025 में इस पूरे ट्रैक पर ट्रेन दौड़ने लगेगी।
एनसीआरटीसी ने रैपिड रेल के ट्रेन सेट बनाने का टेंडर बहुराष्ट्रीय कंपनी बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्टेशन इंडिया प्राइवेट लि. को अवार्ड कर दिया। कंपनी रैपिड रेल के ट्रेन सेट सावली, गुजरात स्थित प्लांट में तैयार करेगी। कुल 40 ट्रेन सेट बनाए जाने हैं। छह कोच वाले 30 ट्रेन सेट का उपयोग रैपिड रेल सेवाओं के लिए होगा, जबकि तीन कोच वाले 10 ट्रेन सेट मेरठ मेट्रो के लिए इस्तेमाल होंगे।
मेरठ तिराहे पर गाजियाबाद स्टेशन का निर्माण शुरू
दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल कॉरिडोर के गाजियाबाद स्टेशन का निर्माण कार्य शुक्रवार को शुरू हो गया। गुलधर और दुहाई के बीच एक पिलर का निर्माण भी किया गया। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कापरेरेशन की टीम ने अनुमति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करते हुए शिफ्टों में निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिससे समय पर प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके।
दुर्गाशंकर मिश्र (सचिव, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय) का कहना है कि वैश्विक स्तर पर हुई इस टेंडर प्रक्रिया में रैपिड रेल परियोजना के तहत मेड इन इंडिया ट्रेन सेट का परिचालन सुनिश्चित होना गर्व का विषय है। आरआरटीएस तो देश की पहली ऐसी परियोजना है ही, ऐसा भी पहली बार हो रहा है जब ऐसी किसी परियोजना के तहत पूरी ट्रेन भारत में ही तैयार होगी।
15 मीटर ऊंचाई के दो पिलर बनेंगे
एक अधिकारी ने बताया कि रैपिड रेल मुरादनगर में गंगनहर के बाईं तरफ से गुजरेगी। गंगनहर की चौड़ाई करीब 70 मीटर है। इसलिए इसमें 15 मीटर ऊंचाई के दो पिलर बनाए जाएंगे। उन्होने बताया कि सड़क स्तर से पिलर की ऊंचाई करीब 11 मीटर रखी जाएगी।
बंद हो सकती है गंगनहर
सड़क चौड़ीकरण के तुरंत बाद पिलर का काम शुरू कराया जाएगा। ऐसे में गंगनहर का पानी पीछे से बंद कराने के लिए एनसीआरटीसी सिचाई विभाग के उच्चाधिकारियों से भी संपर्क साध रही है। चूंकि गंगनहर से दिल्ली को भी जलापूर्ति की जाती है। ऐसे में सिचाई विभाग भी पानी को बंद कराने के मूड़ में फिलहाल नहीं है। पानी को पीछे से बंद करने की बजाय गंगनहर के पानी के प्रवाह को मोड़ दिया जाएगा।