कभी नहीं सोचा था वहां तक आने का, जिस जगह पर आज हूं, : नेहा


मुंबई। 'दिलबर', 'गर्मी', 'सनी सनी' 'आंख मारे' और 'बद्री की दुल्हनिया' जैसे गीतों को अपनी आवाज देने वाली मशहूर पाश्र्वगायिका नेहा कक्कड़ का कहना है कि आज वह जिस जगह पर हैं, वहां तक पहुंचने का उन्होंने कभी नहीं सोचा था। नेहा ने आईएएनएस को बताया, "बहुत अच्छा लगता है। मैं हमेशा लोगों से कहती हूं कि मैं अब भी किसी सपने में हूं। यह कैसे हो गया? ऋषिकेश जैसे किसी छोटे से शहर की एक लड़की पहले दिल्ली और फिर मुंबई गई। यह सफर बेहद खूबसूरत रहा। आज मैं जिस जगह पर हूं, वहां तक पहुंचने का कभी नहीं सोचा था।"

नेहा उत्तराखंड के ऋषिकेश में पैदा हुई थीं, लेकिन उन्होंने खुद को वहीं तक सीमित नहीं रखा।

वह कहती हैं, "यह एहसास गजब का है और मैं अब भी बहुत-बहुत आगे जाने का सोचती हूं।"

बॉलीवुड में आने से पहले नेहा अपने बचपन के दिनों में धार्मिक समारोहों में भजन गाया करती थीं।

इस बारे में वह कहती हैं, "मैंने चार साल की उम्र में गाना शुरू किया और 16 साल की उम्र तक मैं सिर्फ भजन संध्या ही करती थी।"

धार्मिक गीतों से पार्टी थीम पर कैसे आ गईं? इसके जवाब में गायिका ने बताया, "अगर आप मेरे जागरण के फुटेज देखेंगे, तो आपको मिलेगा कि मैं वहां भी पार्टी जैसा ही कुछ करती थी। मैं भजन गाते हुए नाचती थी और लोग पागल हो जाते थे। मैं तभी से पार्टी करती आ रही हूं।"

काम की बात करें, तो नेहा हाल ही में रैपर यो यो हनी सिंह के साथ गीत 'मॉस्को सूका' में नजर आईं। यह पंजाबी और रशियन भाषा के मिश्रण से बना एक गीत है। अप्रैल में रिलीज होने के बाद से इस गाने को अब तक 26,304,948 व्यूज मिल चुके हैं। 


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