मातृ दिवस पर ह्रदयोद्गार


सभी माताओं को ह्रदय से नमन।
बिंदकी (फतेहपुर)।

युवा विकास समिति के प्रवक्ता आलोक  गौड का कहना है कि मां का त्याग,बलिदान,ममत्व एवं समर्पण अपनी संतान के लिए इतना विराट है कि पूरी जिदगी भी समर्पित कर दी जाए तो मां का ऋण चुकाया नहीं जा सकता।मा एक भाव है मातृत्व का,प्रेम और वात्सल्य का,त्याग का और यही भाव उसे विधाता बनाता है।सोचता हू जिसने अनेको कठिनाइयो को सामना करके हमे जन्म दिया।पालन-पोषण किया।
कैसे कोई संतान अपने मा-बाप का तिरस्कार करता है।कैसे ममता की मूर्ति को कस्ट पहुचाता है और भूल जाता है की मा ने कभी हमे भूखे नही सुलाया खुद प्यासी हो लेकिन हमे प्यासा नही रखा।वृद्ध होने पर उन्हे अपने से कोई कैसे दूर कर देता है यह सोचकर ही विह्वल हो जाता हू।मा नाम है संवेदना,भावना और एहसास का।मा के आगे सभी रिश्ते बौने पड जाते है।मातृत्व की छाया मे न केवल मा अपने बच्चो को सहेजती है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उसका सहारा भी बन जाती है।मा रूपी सूरज चरैवति-चरैवति का आह्वान है।उसी से तेजस्वविता निकलती है।उसका ताप हमारे मन की उम्मीदो को कभी जंग नही लगने देता।उसका हर संकल्प मुकाम का अंतिम चरण होता है।मा की ममता और उसके आचल की महिमा को शब्दो मे बयान नही किया जा सकता है उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।मा शब्द मे आत्मीयता एवं मिठास छिपी है।मेरी मा की भावनात्मक शक्ति ही मेरा सुरक्षा कवच है।आज मातृ दिवस पर मै हृदय मे विराजमान अपनी मा विमला देवी के चरणवन्दन के साथ देश की सभी माताओ को प्रणाम करता हू।और संकल्प की हमारे द्वारा किसी भी मा को कभी कोई कष्ट नही होगा।


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