फतेहपुर।
यमुना कटरी के गांवों में पुरानी परम्पराएं आज भी जीवंत हैं। वैशाख माह की अमावस्या के पहले एवं दूसरे मंगलवार का ग्राम देवता के मंदिर परिसर में महिलाएं कंडे में रोटी और आम के फलों का पना बनाती हैं और वहीं पर खाया भी जाता है। मंगलवार को इसी आयोजन में महिलाओं ने अपनी परम्परा के साथ ग्राम देवता से प्रार्थना की कि अपने देश में फैले कोरोना को समाप्त कर सभी का खुशियां दें। विजयीपुर क्षेत्र के यमुना तराई गांवों में प्रथा के अनुसार वैशाख माह में पड़ने वाली अमावस्या के बाद मंगलवार को लोग अपने ग्राम देवता के मंदिर के पास जाकर कंडे में अंकरी (रोटी) लगाते हैं और आम के फल से पना बनाते हैं। जहां पर पूरे घर के सदस्य नहा धोकर ग्राम देवता के मंदिर के पास बैठकर बड़े चाव से भोजन करते हैं। ऐसा ही एक नजारा क्षेत्र के मनीपुर सेमरिया गांव में दिखा। जहां पर ग्रामदेवता भैरों बाबा के मंदिर के पास बाग में गांव की कई दर्जन महिलाएं सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए दूर-दूर अपना चूल्हा जलाया। जिसमें सिर्फ कंडे में मोटी रोटियां बनाई गई और आम का पना बनाया गया। गांव के सभी लोग जाकर पहले ग्राम देवता को भोग लगाया और कोरोना से पूरे देश को बचाने के लिए प्रार्थना की। उसके बाद सभी ने भोजन ग्रहण किया। बताया गया कि यह प्रथा पूर्वजों के समय से चली आ रही हैं, जिसे निभाया जाता है।
महिलाओं ने की ग्राम देवता से कोरोना खत्म करने की प्रार्थना