परीक्षण का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बना KGMU, अब यूपी में होंगे रोजाना 10 हजार टेस्ट



लखनऊ।


इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने केजीएमयू को कोविड-19 परीक्षण के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नामित किया है। इसके साथ ही यहां पर तीन तरह के किट्स एवं रीजेंट्स के परीक्षण की अनुमति दी है। हाल ही में केजीएमयू ने चीन व दक्षिण कोरिया की किट्स को परीक्षण में फेल घोषित कर दिया था। इसके बाद आइसीएमआर ने कोविड-19 के परीक्षण में इस किट पर रोक लगा दी थी। 
केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि अब यहां पर 1.वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया, वीटीएम किट्स 2. आरएनए एक्सट्रेक्शन किट्स व आरटीपीसीआर किट्स फॉर कोविड-19 को प्रमाणित किया जा सकेगा। किटों के निर्माणकर्ता अब केजीएमयू से संपर्क कर अपने किट्स का यहां परीक्षण कराएंगे। उन्होंने कहा कि केजीएमयू ने अभी तक किसी भी व्यावसायिक किट्स को प्रमाणित नहीं किया है। संस्थान को अभी तक आरटीपीसीआर किट्स आइसीएमआर से उपलब्ध कराई जा रही है। 


यूपी में होंगे रोजाना 10 हजार टेस्ट
उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश के 20 प्रयोगशालाओं में कुल पांच हजार कोरोना जांच की सुविधा है। शीघ्र ही इसे 10 हजार किया जाएगा। माइक्रोबॉयोलॉजी की विभागाध्यक्ष प्रो. अमिता जैन ने कहा कि अभी तक किट्स का प्रमाणीकरण सिर्फ एनआइवी पुणे करता था, लेकिन अब केजीएमयू भी करेगा। उन्होंने बताया कि तीन किट्स में वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया एक ट्यूब है, जिसमें नमूने इकट्ठे किए जाते हैं। इसलिए इसका उच्चकोटि का होना आवश्यक है। अन्यथा जांच सही नहीं आएगी। जबकि आरएनए एक्सट्रेक्शन किट्स में संक्रमण का आरएनए अथवा जीनोम निकाला जाता है। तीसरी किट्स आरटीपीसीआर है, जिसके माध्यम से कोविड-19 के न्यूक्लिक एसिड की पहचान की जाती है। वर्तमान समय में केजीएमयू में सिर्फ आरटीपीसीआर से जांच की जा रही है। 


 


 


 


टिप्पणियाँ