नई दिल्ली। लद्दाख सीमा पर चीन के साथ तनातनी के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने साफ किया है कि आज की तारीख में भारतीय सेना किसी भी रूप में कमजोर नहीं है। उनके अनुसार सीमा पर संघर्ष के दौरान भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों को बराबर की हैसियत से जवाब दे रहे हैं। राजनाथ सिंह ने दीनदयाल व्याख्यानमाला के तहत 'आत्मनिर्भर भारत का संकल्प' विषय पर बोलते हुए कहा कि देश को रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य है।
राजनाथ ने कहा- भारतीय सैनिक सीमा की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम
लद्दाख में चल रही तनातनी का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सैनिक अपनी सीमा की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहा कि 'यदि भारत की तरफ कोई भी ताकत टेढ़ी निगाह रखेगी, तो उसका माकूल जवाब देने की ताकत भारतीय सैनिकों में है।'
रक्षामंत्री ने कहा- मोदी सरकार सीमाओं की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध राजनाथ सिंह के अनुसार मोदी सरकार सीमाओं की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और देश को सामरिक दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1962 में चीन के हाथों पराजय के समय ही दीन दयाल उपाध्याय ने सैनिक दृष्टि से आत्मरक्षा में समर्थ भारत बनाने की बात की थी। उनके अनुसार 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी ने एक साथ पांच परीक्षण कर असल रूप में भारत परमाणु शक्ति संपन्न बनाया। मोदी सरकार इसी लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम कर रही है।
राजनाथ ने कहा- मोदी सरकार भारत को रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही
राजनाथ सिंह ने बताया कि सरकार 'मेक इन इंडिया' के तहत भारत को रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है। पिछले दिनों 101 रक्षा उपकरणों के विदेश से आयात बंद कर भारत में निर्मित खरीदने का फैसला लिया गया। सिर्फ एक फैसले से देश में एक साल में 52 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों के उत्पादन का अवसर पैदा हो गया। उन्होंने कहा कि इस देश में भी आधुनिक रक्षा सामग्री बन सकती है इसमें कोई संदेह नहीं है। उनके अनुसार अगले 10 सालों में जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में कारगर डिफेंस प्लेटफार्म्स बनाने की क्षमता हमारे पास है और इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है।