सकुशल संपन्न हुआ किशनपुर महोत्सव का 235 वां वर्ष
फतेहपुर। किशनपुर कस्बे में आयोजित होने वाली रामलीला जोकि अनवरत अपनी तीसरी शताब्दी पूरी करने के करीब है कोरोना काल के चलते बहुत ही मुश्किल में दिखाई दे रही थी।
कस्बे में होने वाली रामलीला भादों माह की बावन द्वादशी के दिन होने वाली बैठक के साथ शुरू होती जिसमें सभी ग्रामवासी रामलीला के लिए अध्यक्ष का चयन करते हैं, जिसमें एक बार फिर पूर्व में रामलीला के अध्यक्ष रह चुके राजेंद्र मिश्रा को ही रामलीला अध्यक्ष चुना गया इस कोरोना काल मे रामलीला होना बहुत ही मुश्किल जान करता था। वहीं कस्बे में अन्य प्रकार की भ्रांतियां भी मौजूद थी कि अगर क्षेत्र में होने वाला है इस मेले का आयोजन नहीं हो रहा तो क्षेत्र में बहुत बड़ी आपदाये भी आ सकती है,क्योंकि परमहंस श्री फाल्गुन जी महाराज के द्वारा इस मेले का आयोजन आज से 237 वर्ष पूर्व कराया गया था तब से यह अनवरत चल रहा है।
लेकिन अबकी बार कोरोनावायरस में लगे हुए लॉकडाउन के कारण यह बहुत ही विकट जान पड़ता था लेकिन तत्कालीन रामलीला अध्यक्ष राजेन्द्र मिश्र ने इस मुसीबत को बहुत ही छोटा सिद्ध कर दिया।
इन्होंने रामलीला के आयोजन के लिए पत्राचार के माध्यम से छोटे से छोटे एवं बड़े से बड़े अधिकारी से वार्ता कर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से स्वयं मुलाकात की और यहां की गतिविधियों के बारे में अवगत कराया तथा मेले के आयोजन के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया भगवान श्री फाल्गुन गिर बाबा के आशीर्वाद से और रामलीला अध्यक्ष राजेन्द्र मिश्र के मेहनत सफल हुई जिसमें उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव ने किशनपुर कस्बे में होने वाले मेले के लिए कुछ शर्तों के साथ छूट दे दी।
लेकिन अब सबसे विकट समस्या यह खड़ी हुई कि इतने बड़े आयोजन में इन शर्तों को कैसे पूरा किया जाए जिसमें की सैनिटाइजेशन,माक्स, सोशल डिस्टेंसिंग सहित कई और बातें मौजूद थी
लेकिन मौजूदा रामलीला अध्यक्ष राजेन्द्र मिश्र ने इन चीजों को भी पूरी तरह से करने में सफलता प्राप्त हुई जैसे कि कस्बे में आयोजित होने वाले मेले में शरद पूर्णिमा के दिन सबसे बड़ा जनसमूह एकत्र होता है जिसकी सुरक्षा के लिए आसपास के थाने की पुलिस भी बुलानी पड़ती है, इतने बड़े आयोजन को कोरोना की शर्तों के साथ पूरा करना एक विकट समस्या जान पड़ती थी लेकिन रामलीला अध्यक्ष ने कस्बे आने वाले समस्त मार्गों को जहां से कस्बे के अंदर प्रवेश होता था उसी जगह पर टेंपरेचर सिस्टम और सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था करा दी, जिससे क्षेत्र से आने वाला कोई भी व्यक्ति बिना सेनेटाइजेशन के मेले प्रांगण में प्रवेश नहीं कर सकता था और मेले प्रांगण में भी सेनीटाइजर का काम अनवरत चल रहा था।
सबसे खास बात अब की बार मेले के आयोजन को लेकर लोगों के मन में अनेक प्रकार के सवाल उठ रहे थे कि अबकी बार मंचन होगा या नहीं दुकाने लगेंगे या नहीं कैसे होगा होगा भी कि नहीं होगा लेकिन रामलीला अध्यक्ष राजेन्द्र मिश्र ने अथक परिश्रम कर मुख्य सचिव से मेले को कराने की अनुमति लेकर आए और करोना की गाइड लाइनओं का पूरी तरह से पालन करते हुए इस मेले को संपन्न कराया बीते सोमवार को भैया दूज वाले दिन भी रामलीला अध्यक्ष ने यमुना किनारे स्नान करने आए श्रद्धालुओं के लिए भी रामलीला की तरफ से टेंट और महिलाओं के तरफ कपड़ा बदलने के लिए समुचित व्यवस्थाओं का प्रबंध किया इसी के साथ एक माह चलने वाला भगवान श्री फाल्गुन गिरी बाबा का मेला शकुशल सम्पन हुआ।