पोस्टमार्टम हाउस: जहां मौत के कारणों को बनाने और बिगाड़ने के लिए उठता है ठेका...!

 पोस्टमार्टम हाउस: जहां मौत के कारणों को बनाने और बिगाड़ने के लिए उठता है ठेका...!



  फतेहपुर। क्या इस

तथ्यात्मक खबर पर विश्वास किया जा सकता है कि पोस्टमार्टम हाउस में मौत के कारणों को बनाने और बिगाड़ने के लिए ठेका लिया जाता है! शासन को भेजी गई एक गोपनीय शिकायत में हैरत में डालने वाले उपरोक्त्त आरोपों के दर्जनों मामलो का विस्तार से उल्लेख भी किया गया हैं...! बकौल शिकायतीपत्र मौजूदा समय में पोस्टमार्टम हाऊस में मुर्दों को आमदनी का जरिया बना लिया गया है। अपना नाम न छापने की शर्त पर एक शिकायतकर्ता ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों ने मुर्दों को ही आमदनी का जरिया बना रखा है। आलम यह है कि शवों का पीएम करने में मृतकों के परिजनों से संबंधित कर्मचारी अवैध उगाही कर रहे हैं। इसके लिए कर्मचारी बाकायदे सेटिंग करते हैं। कर्मचारी अवैध वसूली कर बड़ा खेल कर रहे हैं। पीएम करने के लिए तैनात सरकारी कर्मचारी ने मनमाने ढंग से अपने स्तर से दो प्राइवेट कर्मचारी भी लगा रखे हैं, जिनसे शवों का पोस्टमार्टम भी कराया जाता है। आरोप है कि पीएम करने के लिए तैनात सरकारी कर्मचारी द्वारा लगाए गए प्राइवेट कर्मियों के माध्यम से अवैध वसूली हो रही है। प्राइवेट कर्मचारियों को अपने आका के संरक्षण में मुर्दों को ही आमदनी का जरिया बना रखा है। कर्मचारी शव का पीएम करने में अपना धंधा चमका रहे हैं। पोस्टमार्टम करने में लगे प्राइवेट दोनों कर्मचारी मृतकों के परिजनों से सेटिंग कर अवैध वसूली करते है।इसके लिए बाकायदे कमरे के अंदर सौदेबाजी होती है। उधर जानकारों का कहना है कि शव का पोस्टमार्टम करने में 4000 से 5000 रूपए तक की अवैध वसूली की जा रही है। यह भी प्रकाश में आया है कि अवैध वसूली करके कर्मचारी पीएम रिपोर्ट में भी हेराफेरी करवाते हैं। योजनाबद्ध तरीके से काम होता है, इसकी एवज में परिजनों से मनमानी वसूली की जाती है। तमाम आरोपों के बावजूद उक्त कर्मचारियों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही न होने से उगाही करने में लगे कर्मचारियों के हौसले काफ़ी बुलंद है और वह बेखौफ होकर उगाही का खेल खेल रहे है। प्रायः अवैध वसूली के मामले में मृतक के परिजन कर्मचारियों के सामने गिड़गिड़ाते भी नजर आते हैं लेकिन अवैध उगाही करने में लगे कर्मचारियों को उनकी स्थिति पर जरा भी दया नहीं आती है। बावजूद इसके मनमाने तरीके से अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे है। 

    बताते चलें कि पीएम हाउस में अवैध उगाही का यह कोई नया फंडा नहीं है। पूर्व में तो इसी उगाही के चक्कर में यहां पर तैनात कर्मचारी की हत्या भी हों चुकीं है, जिसमें पीएम हाऊस का एक कर्मचारी अभियुक्त बना था। इस घटना को लेकर भी स्वास्थ विभाग और ज़िला प्रशासन के जिम्मेदारों ने गंभीरता नहीं दिखाई, नतीजतन मौत की स्थिति बदलवाने के लिए ठेका पद्धति आज भी जारी है। 

     गौरतलब है कि पूर्व में स्वास्थ्य विभाग ने जनपद के नवीन स्वास्थ्य केन्द्र छिवलहा के स्वीपर जयपाल को पोस्टमार्टम हाउस में तैनात किया था। लगभग ढाई वर्ष पूर्व हुई यहां तैनाती के बाद जयपाल ने लगभग आते ही कुछ ऐसा खेल सजाया की मौत के कारणों का सौदा बड़े पैमाने पर होने लगा। उसने चंदन और भैया लाल नाम के दो सहयोगी तैयार किए और व्यवस्था को मुंह चिढ़ाते हुए उन्हीं से ना सिर्फ पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है, बल्कि सेटिंग-वेटिंग का खेल भी इन्हीं के द्वारा अंजाम दिया जाता है। इस सन्दर्भ में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सिर्फ़ इतना कहकर अपना पल्लू झाड़ लेते हैं कि मामले को दिखवाते हैं।

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