भू- माफिया द्वारा नजूल की भूमि में बनाये गए अवैध निर्माण को हटाने के लिए फिर से मिला समय
बिंदकी (फतेहपुर)। कस्बे के बजाजा गली लम्बरदार मार्केट का है जिस पर मार्केट के पिछले हिस्से तरफ जो कि बैलाही बाजार की तरफ पड़ता है जहाँ पर लम्बरदार मार्केट द्वारा नजूल की भूमि पर अवैध तरह से दुकानें निर्मित कर दी गयी थी जिस पर पूर्व उपजिलाधिकारी हरिहर राम बिंदकी ने उक्त लम्बरदार मार्केट के भवन स्वामी दिनेश गुप्ता पुत्र सत्यनारायण गुप्ता निवासी बजाजा गली कस्बा बिंदकी जिला फतेहपुर को अवैध कब्जा हटाने हेतु सूचना ( नोटिस ) जारी कर दी गयी थी जिस पर अवैध कब्जेदार को पूर्व उपजिलाधिकारी हरिहर राम द्वारा इस आशय से अंतिम नोटिस जारी की गई ताकि उक्त अतिक्रमणकारी अपना अवैध कब्जा एक सप्ताह के अन्दर हटा ले अन्यथा की स्थिति में पुलिस बल की सहायता से अवैध कब्जा हटवा दिया जाएगा जिसका आदेश पूर्व उपजिलाधिकारी हरिहर राम बिंदकी द्वारा 30/03/2018 जारी किया गया था। जिसके बाद से आज तक उक्त कब्जा तो नहीं हटा बल्कि खुद पूर्व उपजिलाधिकारी हरिहर राम बिंदकी जरूर हट गए जिनका सत्ता की हनक के आगे माफियाओं ने ट्रान्सफर तक करा दिया इसके बाद जितने भी उपजिलाधिकारी बिंदकी अब तक आये और उक्त मामले में कार्यवाही करने की सोंची तो उनका ट्रान्सफर होना निश्चित हो गया तो कईयों उपजिलाधिकारियों ने अवैध कब्जेदार को समय पर समय तो नोटिस पर नोटिस जारी करते रहे और कार्यवाही के नाम अब तक सिर्फ खानापूर्ति ही हुई जिसमें अधिकारियों व नगर पालिका बिंदकी द्वारा सिर्फ अपना व मीडिया के लोगों का आज लगभग दो सालों से समय बर्बाद करते आये हैं जिसके बाद एक बार फिर से तत्कालीन उपजिलाधिकारी बिंदकी व अधिशाषी अधिकारी निरुपमा प्रताप सिंह द्वारा पुनः 24 दिसम्बर 2020 को उक्त अवैध अतिक्रमणकारी के भवन की पैमाइश करने पहुंची पैमाइश के बाद अवैध तरह से बढ़ाकर नजूल की भूमि पर निर्मित की गई दुकानों पर उपजिलाधिकारी बिंदकी काफी जोर से पालिका पर झल्लाई परन्तु क्रम वही था जो 30/03/2018 से लगातार चला आ रहा था अवैध अतिक्रमणकारी को समय पर समय देना जिसे एक बार फिर से उपजिलाधिकारी बिंदकी द्वारा 24 दिसम्बर 2020 दिन बृहस्पतिवार को अधिशाषी अधिकारी निरुपमा प्रताप सिंह को तत्काल प्रभाव से एक बार फिर से अतिक्रमणकारी को इस आशय से नोटिस जारी करने का आदेश दिया कि यदि अतिक्रमणकारी खुद अपना अतिक्रमण तय समय सीमा के अन्दर हटा ले अन्यथा पालिका द्वारा उक्त अतिक्रमण को हटवा दिया जाएगा अब देखना यह है कि क्या इस मर्तबे वाकई में अतिक्रमण गिरेगा या फिर जिस तरह से अब तक एक अतिक्रमण गिरवाने के चक्कर में लगभग दो साल गुजर गए कितने उपजिलाधिकारी आये और चले गए। क्या अब भी ऐसा होगा या फिर सच में कार्यवाही होगी यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।