थाना प्रभारी व थानाध्यक्षों को गणेश परिक्रमा नहीं बल्कि करना होगा काम

 थाना प्रभारी व थानाध्यक्षों को गणेश  परिक्रमा नहीं बल्कि करना होगा काम 



पुलिस अधीक्षक की  सख्ती ने पुलिसकर्मियों के काम करने का बदला तरीका 


फतेहपुर।एक के बाद एक ताबड़तोड़ खुलासे वो भी मोबाइल चोरी से लेकर मोटरसाइकिल की चोरी से संबंधित मामलों की। ऐसा लगने लगा है कि जनपद में तैनात थाना प्रभारियों व थानाध्यक्षों को उनकी कुर्सी का भय सताने लगा है। यह कुर्सी राजनेताओं के दम पर नहीं बल्कि काम के दम ही बनी रह सकती है। तभी तो खुलासे की बाढ़ सी आ गई है जो जनपद की कानून व्यवस्था के लिए अच्छा संकेत दे रहा है।

नए पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल के यहां कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही अपराधो में जो कमी आई और एक के बाद एक घटनाओं के खुलासों की आई बाढ़ से ऐसा लगने लगा है कि अब पुलिस ने काम करने का तरीका ही बदल दिया है जब कुर्सी का भय सिर चढ़ कर बोलना शुरू कर दे तो फ़िर घटनाओं की रोकथाम करना और घटनाओं का खुलासा करना लाजिमी हो जाता है।

जानकारी के अनुसार यहां के 20 थानों मैं से कम से कम10 थाने ऐसे है जहां तैनात थाना प्रभारी व थानाध्यक्षों की तैनाती किसी न किसी राजनेताओं की मेहरबानी पर ही मानी जा रही है लेकिन अब ऐसा लगने लगा है कि राजनेताओं की मेहरबानी से कुर्सी हथियाने वाले थाना प्रभारी व थानाध्यक्षों को राजनेताओं की गणेश परिक्रमा के बजाय  काम करना होगा। घटनाओं को रोकना होगा और पुरानी हुईं घटनाओं का खुलासा करना होगा।सवाल तो थाना प्रभारी व थानाध्यक्षों से पूछा जाना चाहिए कि जब सरकार भय मुक्त समाज देने की बात कह रही है तो फिर पुलिस कर्मी लगातार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सरकार की मंशा के मुताबिक खरे क्यों नहीं उतर पा रहे।

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