कोरोना वैक्सीनेशन के लिए जिले में हुआ ड्राई रन
- जिले से कोरोना भगाने को हुआ पुराभ्यास
- जल्द स्वास्थ्य कर्मियों को लगेगा कोरोना से बचाने का टीका
- टीका लगने के बाद भी सतर्कता जरुरी
फतेहपुर। जनपद में मंगलवार को प्रशिक्षित वैक्सीनेटर्स के माध्यम से कोविड वैक्सीन का ड्राई रन (मॉक ड्रिल) शहरी क्षेत्र में जिला महिला अस्पताल, जयराम का पुरवा विनोबा नगर अरबन स्वास्थ्य केंद्र, मिशन हास्पिटल और ग्रामीण क्षेत्र में गाजीपुर, हसवा और हुसैनगंज सीएचसी में किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गोपाल कुमार माहेश्वरी ने बताया कि ड्राई रन के दौरान किसी को भी कोई वैक्सीन नहीं लगाई गई केवल वैक्सीन लगाने का मॉक ड्रिल किया गया जिससे जब वैक्सीनेशन किया जाए तो कोई भी त्रुटि न रह जाये यह कहना है।
सीएमओ ने जिला महिला अस्पताल पहुंचकर माॅक ड्रिल का निरीक्षण किया। महिला अस्पताल में दो बूथ बनाये गये। नोडल अफसर डा आफाक अहमद की देखरेख में माॅक ड्रिल किया गया। इसी प्रकार जयराम का पुरवा विनोबा नगर अरबन पीएचसी में डा आरएन त्रिपाठी और मिशन हास्पिटल में मंजू शुक्ला की देखरेख में ड्राई रन हुआ। सीएमओ ने बताया कि इस मॉक ड्रिल में स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ-साथ जिला व पुलिस प्रशासन की टीमें व इस आयोजन के लिए चिन्हित सेंटरों की टीमें भी शामिल हुईं। ड्राई रन सही प्रकार से हो और कहीं किसी प्रकार की चूक न हो इसके लिए पहले वर्कशॉप जिले और सीएचसी पर कराई जा चुकी है। इसके अलावा कोल्ड चेन से लेकर स्टोरेज व वैक्सीन के मूवमेंट तक की पल-पल जानकारी रखी जाएगी ताकि जब वैक्सीनेशन शुरू हो तो वह पूरी तरह से त्रुटि रहित रहे। साथ ही कहा टीका लगने के बाद भी सतर्कता जरुरी है।
इस दौरान मौजूद जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ इश्तियाक अहमद बताया कि ड्राई रन कई चरणों में हुआ। उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगवाने वाले का आइडेंटिफिकेशन होगा। उसके बाद उसके लिए वैक्सिन की वायल लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मी को दी जायेगी फिर वैक्सीन लगवाने वाले की आईडी लॉग इन की जाएगी और उसके बाद उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीनेशन के बाद वैक्सीन लगवाने वाले को एक वैक्सीनेशन कार्ड दिया जाएगा। इस कार्ड में जिस दिन वैक्सीनेशन हुआ, उस दिन का विवरण और अगले 28वें दिन लगने वाली दूसरी डोज की तारीख अंकित होगी। वैक्सीनेशन के बाद प्रत्येक व्यक्ति को 30 मिनट तक ऑब्जरवेशन में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि ड्राई रन के दौरान बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन करने से लेकर वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को ऑब्जरर्वेशन कमरे में रखने के बाद वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव देखने और उसके सम्भावित इलाज पर भी नजर रखी जाएगी। इसके अलावा हर वैक्सीनेशन सेन्टर में तीन कमरे होंगे। इसमें पहला रूम वेटिंग रूम जिसमें लाभार्थी का वेरिफिकेशन करने के बाद उसे बैठाया जाएगा और उसका कोविड पोर्टल पर डाटा अपलोड किया जाएगा। दूसरा रूम वैक्सीनेशन रूम होगा, जहां पर संबंधित व्यक्ति को टीका लगाया जाएगा। ऑब्जरवेशन में रखे गए लोगों पर नजर रखने के लिए तीसरे रूम में स्पेशलिस्ट टीम तैनात रहेगी, जिसमें डाक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ रहेंगे। जो एडवर्स इफेक्ट फालोइंग इम्युनाइजेशन किट के साथ मुस्तैद रहेंगे। वैक्सीनेशन के 30 मिनट बाद ही टीका लगवाने वाले व्यक्ति को घर भेजा जाएगा।
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