ओवर लोडिंग पर प्रतिबंध का दंभ भरने वाली योगी सरकार में ओवरलोडिंग अपनी चरम सीमा पर
सारे दावों की पोल खोल रहे बालू के ओवर लोड वाहन
फतेहपुर।खनन और ओवर लोडिंग बन्द करने को लेकर सरकार भले ही सख्त हो लेकिन खनन माफियाओं के आगे सरकार की सख्ती बेअसर साबित हो रही है।मोरंग की ओवरलोडिंग पहले की तरह बदस्तूर जारी है और अधिकारी महज कागजी खानापूर्ति में लगे हुए हैं।यमुना की तराई से निकालने वाले कीमती मोरंग पर सियासत गर्म है। शिकंजा कसने के बावजूद मोरंग के अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी है। सूबे में निजाम का समय बीत चुका लेकिन मोरंग खनन का तरीका नहीं बदला।मामला फतेहपुर के रामनगर कौहन मौरंग घाट खण्ड A1 रामसोलेपुर मौरंग घाट का है जहाँ एनजीटी के मानकों को ताक पर रख कर पोकलैंड मशीनों से अवैध खनन बदस्तूर जारी है। इतना ही नहीं इन घाटो से मोरंग लेने वाले ट्रक मालिको को सहूलियत इतनी की घाट संचालको द्वारा निर्धारित रकम अदा करने के बाद मशीनों से मनचाही मौरंग लोडिंग की खुली छूट भी है जिसके चलते जिला प्रसाशन की ओवर लोडिंग के खिलाफ की जा रही कार्यवाही भी ऊँट के मुंह जीरा जैसी ही साबित हो रही है ।
जिम्मेदारों की खामोशी का पूरा फायदा खनन माफिया उठा रहे हैं। पहले की सरकार के समय जैसे ओवरलोड बालू वाहन बेरोकटोक चलते थे वह आज भी उसी तरह फर्राटा भर रहे हैं। यमुना घाटों से तीन सौ घन फुट की जगह एक हजार घन फुट बालू प्रति ट्रक लादा जा रहा है। खेल यह कि रवन्ना (बालू परिवहन की रसीद) नियमानुसार दी जा रही हैं। कार्रवाई के नाम पर कागजी कोरम पूरा करने के लिए कभी कभार ओवरलोड मोरंग बालू वाहनों के खिलाफ कार्यवाही कर दी जाती है। हैरत की बात तो यह कि 31 दिसंबर 2020 से रामनगर कौहन खंड एक में खनन जारी है और ओवरलोडिंग अपनी चरम सीमा पर है लेकिन ए आर टी ओ ने आज तक एक भी ओवर लोड वाहन के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है जब कि इन ओवरलोड वाहनों की शिकायत ग्रामीणों द्वारा दूरभाष के जरिए की गई है। जिम्मेदारों की नाक के नीचे अवैध मोरंग का खनन बदस्तूर जारी है फिर भी जिले के आधिकारियों का दावा है कि सभी घाटों पर नियमानुसार खनन किया जा रहा है।